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जनरल बिपिन रावत कौन है?
बिपिन रावत सेना की एक प्रमुख ऑफिसर थे | वर्तमान समय में वह भारत के पहले सीडीएस के पद पर कार्यरत थे, वह थल सेना प्रमुख भी रह चुके हैं |सीडीएस का कार्य तीनों सेनाओं का संयुक्त नेतृत्व करना है |
भारतीय सेना
जनरल बिपिन रावत इस नाम से देश का हर एक नागरिक परिचित है, भारतीय सेना को समर्पित एक इंसान जिसने सेना से रिटायरमेंट के बाद भी अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी |एक सच्चा देशभक्त जो अपनी आखिरी सांस तक देश की सेवा में लगा ररहा|यूं तो एक देश के लिए उसकी आर्मी बहुत महत्वपूर्ण होती है | भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी है | हर भारतीय आर्मी के लिए गौरवान्वित महसूस करता है |
हमारे देश की आर्मी कई चरणों में बटी हुए हैं जो कि देश की सुरक्षा के लिए हर समय मर मिटने को तैयार रहती हैं | आज हम यदि अपने घरों में चैन से बैठे हैं, तो इसकी एकमात्र वजह इंडियन आर्मी है | देश की सेवा के लिए तत्पर हमारी आर्मी किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है |
आर्मी ऑफिसर की वीरता के चर्चे हर जगह होते हैं, देश के लिए स्वयं को न्यौछावर कर देने वाले यह वीर वास्तव में भारत देश का वह गहना है | जो भारत देश को युगो- युगो तक गौरवान्वित करती रहेंगी | जनरल बिपिन रावत उनमें से एक हैं उनकी आकस्मिक निधन से हर भारती के हृदय में शोक की लहर है | जनरल रावत को श्रद्धांजलि स्वरूप आज की पोस्ट में इनकी जीवनी जानेंगे आइए जानते हैं जनरल रावत के सफल व्यक्तित्व को-
प्रारंभिक जीवन
जनरल बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च सन 1958 उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था | इनके पिता लक्ष्मण सिंह जी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे, इनकी माता घरेलू महिला थी | रावत की प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड में ही हुआ था
मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा की डिग्री ली | देशभक्ति बचपन से ही इनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी सैनिक बैकग्राउंड होने के नाते बचपन से ही यह डिफेंस में जाना चाहते थे | जनरल रावत को फुटबॉल खेलने का शौक था वही यह एक अच्छे लेखक भी थे, इन्होंने कई सारे लेख भी लिखे हुए हैं |
शिक्षा
डिग्री | संस्था |
स्कूल | कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला |
स्नातक | भारतीय सैन्य अकादमी |
डिफेंस स्टडीज | मद्रास विश्वविद्यालय |
कंप्यूटर स्टडीज | मद्रास विश्वविद्यालय |
मैनेजमेंट | देवी अहिल्या विश्वविद्यालय |
सैनी मीडिया | चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय |
सैन्य सेवा
सेना में रावत का सफर सन 1979 में शुरू हुआ सेना से जुड़ने के तत्पश्चात उनकी पहली नियुक्ति मिजोरम में हुई वह कहते हैं कि अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान उन्होंने बहुत सी नई चीजें सीखी बातचीत करने का तरीका सैन्य रहन-सहन आदि |
16 दिसंबर 1978 को इनकी पहली नियुक्ति गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में हुआ | इनके पिता श्री लक्ष्मण सिंह जी भी कभी इसी यूनिट के हिस्सा थे | मिजोरम में अपनी काबिलियत के दम पर इन्होंने अपनी बटालियन की अगुवाई की थी | सेना में इन्होंने अपनी अद्भुत वीरता का परिचय दिया |
सेना में योगदान
मेजर के रूप में – विपिन रावत एक मेजर के पद पर उन्होंने उरी और जम्मू-कश्मीर को संभाला |मेजर के पद पर रहते हुए आर्मी के लिए उन्होंने बहुत से कार्य किया |
कर्नल के रूप में – कर्नल बिपिन रावत ने पूर्वी सेक्टर में 5- बटालियन गोरखा की कमान संभाली | गोरखा हमारी देश की सेना का एक भाग है, देश के पूर्वी हिस्से का कमान संभालने वाले गोरखा उसके बारे में यह कहा जाता है कि यदि कोई कहे कि हमें मौत से डर नहीं लगता तो वह निश्चित गोरखा होगा |
ब्रिगेडियर के रूप में – बिपिन रावत इस पद पर रहते हुए उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल के पांचवी सेक्टर की कमान संभाली वही कांगो गणराज्य में बहुराष्ट्रीय बिग्रेड की भी कमान संभाली |
प्रशिक्षक के रूप में- सेना में इन्होंने सैन्य सचिव जूनियर कमांड विंग में वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में भी कार्य किया |
थल सेना प्रमुख-
सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर अपनी सेवा देने के बाद 1 जनवरी 2016 में यह थल सेना प्रमुख बनाए गए अपने दूरदर्शी और कुशल निर्णय से परिपूर्ण जनरल रावत के विषय में जो भी कहा जाए वह कम होगा |
इनके कार्यकाल में देश के आर्मी ने बहुत तरक्की थी 24 घंटे देश के लिए सोचने वाला यह इंसान आर्मी को और अधिक एडवांस एवं शक्तिशाली बनाने के लिए बहुत प्रयास किया |
सेना में सफर
अपॉइंटमेंट की तिथि | पद |
16 दिसंबर 1978 | सेना में शामिल |
16 दिसंबर 1980 | लेफ्टिनेंट पद |
31 जुलाई 1984 | आर्मी में कैप्टन |
16 दिसंबर 1989 | आर्मी में मेजर का पद |
1 जून 1998 | लेफ्टिनेंट कर्नल |
1 अगस्त 2003 | कर्नल |
1 अक्टूबर 2007 | ब्रिगेडियर |
20 अक्टूबर 2011 | मेजर जनरल |
1 जून 2014 | लेफ्टिनेंट जनरल |
1 जनवरी 2017 | सेना प्रमुख |
30 दिसंबर 2019 | सीडीएस |
सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टरमाइंड –
जब पाकिस्तान द्वारा उरी आर्मी बेस पर हमला किया गया | जिसमें हमारे बहुत से सारे सैनिक मारे गए तब इस आर्मी ऑफिसर ने ठान लिया कि हम अपने सैनिकों के बलिदान को बर्बाद नहीं होने देंगे भारत की मिट्टी से आतंक का अंत करके रहेंगे |
बहुत कम लोग ही जानते हैं कि पैराकमांडो के साथ सर्जिकल स्ट्राइक करने का विचार सर्वप्रथम जनरल रावत ने ही दिया था | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय जवानों द्वारा किया गया | इस सर्जिकल स्ट्राइक का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन किया गया वह सर्जिकल स्ट्राइक ही था जिसने आतंकियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया किया कि यह नया भारत है जो घर में घुसकर मारना जानता है |
आतंकवादी मेजर जनरल रावत के नाम से ही डरते थे| वह कहते थे कि हम एक- एक आतंकवादी को चुन- चुन कर मारेंगे | एक रिपोर्ट के मुताबिक जब मणिपुर में आतंकियों ने आर्मी पर हमला कर दिया था जिसमें बहुत सारे जवान मारे गए थे , तब जनरल रावत के नेतृत्व में सेना ने म्यांमार में घुसकर आतंकियों को मारा था इस पूरे ऑपरेशन को जनरल रावत ने के लीड किया था |
बिपिन रावत सम्मान पुरस्कार
- परम विशिष्ट सेवा मेडल
- उत्तम युद्ध सेवा मेडल
- अति विशिष्ट सेवा मेडल
- युद्ध सेवा मेडल
- विशिष्ट सेवा मेडल
- सीओएएस कमेंडेशन
- आर्मी कमांडर कमेंडेशन
सीडीएस बिपिन रावत –
जनरल बिपिन रावत देश के पहले CDS ऑफिसर थे |
CDS क्या है?
सी डी एस का पूरा नाम Combined Defence Services है |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को सर्वप्रथम CDS की नियुक्ति के विषय में बताया गया था | CDS सेना के तीनों अंगों का एकत्रित सलाहकार होता है ,तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की दृष्टि से इसका गठन किया गया था | वह CDS रक्षा मंत्री एवं गृह मंत्री का सलाहकार भी होता है |
गौरतलब हो कि आर्मी को और अधिक शक्तिशाली बनाने तथा तीनों सेनाओं को एक साथ संयुक्त रखने एवं किसी आकस्मिक युद्ध से बचाव हेतु यह अति आवश्यक हो गया था | पाकिस्तान की तरफ से लगातार होते हमले एवं चीन का बॉर्डर पर आमने सामने होना इन सारे स्थिति को ध्यान में रखकर एवं भविष्य के खतरे को देखते हुए CDS का गठन किया गया था |
जनरल रावत को सेना से रिटायरमेंट की 1 दिन पहले भारत सरकार की तरफ से यह खास तोहफा(first CDS officer) दिया गया जिसे जनरल रावत ने सहर्ष स्वीकार कर लिया |
बिपिन रावत की पत्नी
जनरल बिपिन रावत का विवाह मध्य प्रदेश शहडोल की रहने वाली मधुलिका से हुआ | मधुलिका के पिता स्वर्गीय मृगेंद्र जी दो बार विधायक रह चुके थे | मधुलिका की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुआ है वह साइकोलॉजी में ग्रेजुएट थी |
वह भी आर्मी से जुड़ी हुई थी आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थी | मधुलिका जी सोशल एक्टिविटी से जुड़ी हुई थी , वह कई तरह के एनजीओ के साथ काम करती थी और कैंसर पीड़ितों की मदद करती थी |
बिपिन रावत का परिवार –
बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह जी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल थे| इनके चाचा भरत सिंह रावत सेना में हवलदार थे | उनकी पत्नी भी सेना में AWAA की अध्यक्ष थी| बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दो बेटियां हैं जिनके नाम कृतिका रावत , तारिणी रावत है |
आकस्मिक निधन हवाई दुर्घटना
जनरल रावत अपनी पत्नी मधुलिका और सेना के 11 ऑफिसर ,स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) के दौरे पर जा रहे थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया | उनकी पत्नी सहित विमान में सवार कर रहे सभी 13 लोगों की मौत हो गई |
तमिलनाडु के कुन्नूर में प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि हेलीकॉप्टर बहुत ही नीचे से उड़ रहा था और वह वृक्ष से टकरा गया | देखते ही देखते उसमें आग लग गई वहीं फायर बिग्रेड भी मौके पर पहुंचे एक फायर बिग्रेड ऑफिसर ने बताया कि उन्होंने 2 लोगों को जिंदा बचाया था परंतु उनके शरीर पूरी तरह से झुलस गए थे जिससे कि चेहरे की पहचान नहीं हो पा रही थी बाद में एक व्यक्ति ने धीरे से अपना नाम बताया |जो हमारे cds जनरल रावत की आखरी शब्द थे उन्हें चादर में लपेट कर एंबुलेंस द्वारा हॉस्पिटल ले जाया गया |जहां रास्ते में उनकी मौत हो गई थी |
रावत जी विमान से जा रहे थे उसका नाम MI-17V5 हेलीकॉप्टर था | यह एक अच्छा विश्वसनीय प्लेन था, जिससे रूस से खरीदा गया था | तमिलनाडु में 8 दिसंबर हादसे वाले दिन मौसम साफ था आसमान में बादल नहीं थे ,फिर प्लेन का क्रैश होना इसकी क्या वजह हो सकती है ? इस पर अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है ,सेना द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है |
बिपिन रावत के फेमस डायलॉग –
- पहली गोली हमारी नहीं होगी लेकिन बाद में हम गोलीयो की गिनती भी नहीं करेंगे |
- हमारी सेना युद्ध करना और जितना दोनों जानती है |
- जंग का एक वसूल है और वह है जितना| मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम इसे हर कीमत पर पूरा करेंगे |
- उन देशभक्तों की बराबरी हम नहीं कर सकते जो सियाचिन के ठंड में देश की सेवा कर रहे हैं |
बिपिन रावत लेटेस्ट न्यूज़ –
8 दिसंबर 2021 को जनरल रावत अपनी पत्नी मधुलिका एवं सेना के 11 अफसर के साथ तमिलनाडु के कुन्नूर में हवाई दुर्घटना में शहीद हो गए | उनकी आकस्मिक मृत्यु से पूरे देश में शोक की लहर है | जनरल रावत के रूप में देश ने अपना एक अनमोल हीरा खो दिया है |
जनरल रावत के पार्थिव शरीर को तमिलनाडु से दिल्ली उनके आवास पर लाया जाएगा आज | देश की सभी बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है |
FAQs
Q1 जनरल बिपिन रावत का जन्म कब हुआ?
A. 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड में |
Q2 भारत के पहले सीडीएस कौन है ?
A. मेजर जनरल बिपिन रावत |
Q3 जनरल रावत की पत्नी का नाम क्या है?
A. मधुलिका रावत |
Q4 बिपिन रावत की कास्ट क्या है ?
बिपिन रावत की कास्ट हिंदू गढ़वाली राजपूत है।
Q5 बिपिन रावत की सैलरी कितनी है ?
A. 250000 प्रतिमाह |
Q6 बिपिन रावत की जाति क्या है ?
A. हिंदू राजपूत |
Q7 विपिन रावत के कितने बच्चे हैं?
A. बिपिन रावत की दो संतान है |
Q8 बिपिन रावत की मृत्यु कैसे हुई?
A. प्लेन क्रैश से |
Q9 बिपिन रावत की पहली पोस्टिंग कहां हुई थी?
A. मिजोरम में |
Q10 बिपिन रावत CDS कब बने?
A. 31 दिसंबर 2019 को |
Q11.बिपिन रावत जिस विमान जा रहे थे उसका नाम क्या है?
A. MI-17V5 हेलीकॉप्टर |
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