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Table of Contents
राजीव गाँधी की प्रारंभिक जीवन
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई महाराष्ट्र में हुआ था | उनके पिता का नाम फिरोज गांधी और माता का नाम इंदिरा गांधी था | जब वह मात्र 3 साल के थे तभी देश आजाद हुआ था और उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे | राजीव गांधी का नाम राजीव इसलिए पड़ा था क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी का नाम कमला था और राजीव का अर्थ कमल होता है पंडित जवाहरलाल नेहरू अपनी पत्नी कमला नेहरू से बहुत स्नेह करते थे और उनकी मृत्यु के बाद उनकी यादों को ताजा रखने के लिए उन्होंने राजीव नाम रखा था |राजीव गांधी का बचपन तीन मूर्ति हाउस में बिता जहां इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री की परिचारिका के रूप में कार्य किया था |
राजीव गाँधी शिक्षा
राजीव गांधी की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेल्हम स्कूल से हुई थी | इसके बाद उन्हें हिमालय स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया | इस स्कूल में राजीव गांधी के साथ उनके छोटे भाई संजय गांधी दोनों एक साथ पढ़ाई करते थे | यहां पर राजीव गांधी के कई सारे मित्र बने | अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए वहां पर कुछ समय पढ़ने के पश्चात वह लंदन की इम्पीरियल कॉलेज चले गये | इंपीरियल कॉलेज में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की |
राजीव गाँधी का परिवारिक जीवन
कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात इतालवी सोनिया मैनो से हुई थी | राजीव गांधी को इतालवी से प्रेम हो गया था | उन्होंने 1968 में नई दिल्ली में शादी कर कर ली | शादी के पश्चात इतालवी का नाम सोनिया गांधी हो गया | सोनिया गांधी और राजीव गांधी के दो बच्चे हैं | राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वर्तमान में यह दोनों राजनीति में सक्रिय हैं |
राजीव गाँधी एक पायलट
राजीव गांधी का संगीत के प्रति बहुत लगाव था उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत एवं आधुनिक संगीत बहुत अधिक प्रिय था | राजीव गांधी को रेडियो सुनने एवं फोटोग्राफी काफी शौक था |
राजीव गांधी को हवाई जहाज के प्रति विशेष लगाव था वह पायलट बनना चाहते थे | जब इंग्लैंड से वापस इंडिया आए तब वो दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा दिया | इस परीक्षा में सफल वह सफल रहे और वह पायलट बनने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया | इंडियन एयरलाइंस में पायलट बन गये | साथ ही साथ उनका पायलट बनने का सपना पूरा हो गया |
राजीव गाँधी का राजनीतिक जीवन
श्री राजीव गांधी का राजनीति के प्रति कोई लगाव नहीं था| सन 1980 में उनके साथ एक अप्रिय घटना घटी जिसमें उनके छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई | इसका गहरा सदमा राजीव गांधी को लगा अब उनके ऊपर दबाव था कि वह राजनीति में अपनी माता श्रीमती इंदिरा गांधी का साथ दें | ना चाहते हुए भी उन्हें राजनीति में अपना कदम बढ़ाना पड़ा श्री संजय गांधी उस समय अमेठी से सांसद थे अतः सीट खाली हो जाने के कारण राजीव गांधी ने वहां से उप चुनाव लड़ा और उसमें वह भारी मतों से विजई रहे |
सन 1982 में , एशियाई खेलों का आयोजन भारत में होने वाला था इस खेल की तैयारियां सुविधाएं एवं निर्माण कार्य की जिम्मेदारी श्री राजीव गांधी को दी गई राजीव गांधी के अथक प्रयासों से यह खेल भारत में सफलतापूर्वक करा लिया गया |
राजनीति में अपने कदम और धीरे-धीरे बड़ा ही रहे थे कि एक दुख का बादल उन पर टूट पड़ा उनकी माता श्रीमती इंदिरा गांधी जी के निर्ममता के साथ हत्या कर दिया गया इस घटना ने ना केवल राजीव गांधी को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया |
प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी
माता के निधन के पश्चात 31 अक्टूबर 1984 को वह देश के प्रधानमंत्री बने | श्री राजीव गांधी भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे | प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये |
राजीव गांधी के समय तक भारत में मतदाताओं की न्यूनतम आयु 21 वर्ष थी | राजीव गांधी ने इसको घटाकर 18 वर्ष कर दिया तब से अभी तक भारत में सभी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग को मतदान का अधिकार है |
इसके अलावा हमारे देश में टेलीकॉम सूचना का जनक भी राजीव गांधी को माना जाता है| टेक्नोलॉजी कंप्यूटर की दुनिया की शुरुआत भारत में राजीव गांधी के द्वारा ही किया गया था | आज भारत जो कि दुनिया का सबसे बड़ा आईटी सेक्टर का मार्केट है एवं पूरे विश्व में सबसे अधिक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो कि भारतीय हैं और आज हमारा देश जोकि आईटी क्षेत्र में इतना आगे है एवं समृद्ध है इतना ही नहीं विश्व की सभी बड़ी गूगल माइक्रोसॉफ्ट सीईओ भारतीय है | आईटी क्षेत्र में आज भारत जिस मुकाम पर खड़ा है उसका श्रेय भी श्री राजीव गांधी को ही जाता है |
राजीव गाँधी पर आरोप
राजीव गांधी पर आरोप था कि उन्होंने स्वीडन की तोप बनाने वाली कंपनी से 64 करोड रुपए लिए थे | कंपनी ने राजीव गांधी एवं कांग्रेसियों को इतने पैसे इसलिए दिए थे ताकि वह भारतीय सेना को155 एमएम हॉविट्ज़र तोपें बेच सकें |
खबर के मुताबिक भोपाल गैस त्रासदी जिसमें 25000 लोगों की मृत्यु हो गई थी दो-तीन दिसंबर 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाईड कंपनी में जानलेवा गैस के रिसाव के कारण लगभग 25000 लोगों के मृत्यु हो जाती हैं | इस कंपनी के मालिक वॉरेन एंडरसन को श्री राजीव गांधी और उनके सरकारी प्लेन में बैठा कर भोपाल से दिल्ली लाया जाता है और दिल्ली से उसे अमेरिका भेज दिया जाता है | श्री राजीव गांधी पर आरोप लगे कंपनी के मालिक को सजा देने की बजाय उन्होंने उसे अमेरिका भेज दिया | फिर भारत सरकार द्वारा उसे कभी भारत लाने की कोशिश नहीं की गई | अमेरिका के फ्लोरिडा में रहते हुए सन 2014 में उसकी मृत्यु हो गई हालांकि इस घटना के कोई साथ मौजूद नहीं है |
भ्रष्टाचार राजीव गांधी सन 1985 ईस्वी में राजीव गांधी सूखाग्रस्त कालाकांडी उड़ीसा के दौरे पर थे वहां पर अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार जो ₹1 भेजती है तो लोगों तक केवल 15 ऐसे ही पहुंच पाते हैं वह कह रहे थे कि देश में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है जिससे दिल्ली में रहकर दूर नहीं किया जा सकता |
31 अक्टूबर 1984 को श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात विश्व में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे इसमें कई सारे कांग्रेसी नेता के शामिल होने आरोप था इस मामले पर सुनवाई चल रही थी कि श्री राजीव गांधी ने कहा था ‘जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है’ |
जिसके बाद से सिख समुदाय कांग्रेश के खिलाफ हो गया |
राजीव गाँधी द्वारा किए गए महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कार्य
अपने राजनीतिक जीवन में विवादों से घिरे रहने के पश्चात भी श्री राजीव गांधी ने बहुत सारी दूरदर्शी एवं उपयोगी कार्य किए हैं| जिसके लिए देश उन्हें हमेशा याद रखेगा बताते हैं राजीव गांधी द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य |
कंप्यूटर क्रांति – भारत में कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि का जनक श्री राजीव गांधी को ही जाता है | राजीव गांधी देश के युवा दूरदर्शी एवं आधुनिक प्रधानमंत्री थे | उनका विचार था कि देश आधुनिक बने अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा भी था कि 21वीं सदी आधुनिक भारत होगा | आधुनिक भारत बनाने के लिए भारत में कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन का होना अत्यंत आवश्यक है | सीधे शब्दों में कहें तो भारत में आईटी सेक्टर का विकास और आज भारत आईटी सेक्टर में जिस जगह है यह हमें बताने की आवश्यकता नहीं है इसका श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है |
शिक्षा नीति – किसी भी देश का विकास केवल और केवल शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है | क्योंकि राजीव गांधी उच्च शिक्षा ग्रहण किए हुए थे एवं वह शिक्षा की महत्ता को जानते थे भारत में हर कोई एक उचित शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति सन 1986 में पारित किया | इस कार्यक्रम के तहत नवोदय विद्यालयों की स्थापना की गई एवं प्रत्येक गांव में शिक्षा पहुंचाने के लिए सरकारी विद्यालयों को बनाया गया शिक्षा के क्षेत्र में किया गया उनका यह प्रयास अविस्मरणीय है |
राजीव गाँधी की मृत्यु कैसे हुई
21 मई सन 1991 प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की हत्या कर दिया गया चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर ले राजीव गांधी 21 मई को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे कि तभी वहां पर आत्मघाती विस्फोट हमला होता है जिसमें प्रधानमंत्री की मृत्यु हो जाती है |
राजीव गाँधी की हत्या | राजीव गाँधी को क्यों मारा गया
राजीव गांधी की हत्या किसी साधारण बम धमाके से नहीं हुआ था बल्कि ये एक सोची समझी साजिश थी | प्रधानमंत्री जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे तब एक महिला उनके स्वागत के लिए फूलों का हार पहनाने हेतु मंच पर जाती है | उसके पास गोला-बारूद होते हैं जिससे कि वह अपने आप को उड़ा देती है इस घटना में राजीव गांधी के साथ साथ मंच पर उपस्थित अन्य 16 लोगों की थी मृत्यु हो जाती है |
लिट्टे ने क्यों की थी राजीव गाँधी की हत्या
लिट्टे जोकि श्रीलंका का एक आतंकवादी अलगाववादी गूट था लंका से अलग होने की मांग कर रहा था | उस समय श्रीलंका में गृह युद्ध का माहौल हो गया था और श्रीलंका के निर्दोष नागरिक लिट्टे के हाथों मारे जा रहे थे श्रीलंका की तत्कालीन जयवर्धने सरकार ने लिट्टे को रुकने की बहुत कोशिश की परंतु वह असफल रहे अतः उन्होंने भारत से सहायता मांगी तब राजीव गांधी ने श्रीलंका में अपने शांति सेना भेजकर लिट्टे के खिलाफ कार्यवाही की | इससे नाराज लिट्टे प्रधानमंत्री राजीव गांधी से बदला लेना चाहता था अतः उसने राजीव गांधी को जान से मारने का प्लान बनाया |
किस प्रकार से लिट्टे ने राजीव गाँधी की हत्या की
21 मई को राजीव गांधी सभा को संबोधित कर रहे थे | तब एक महिला जोकि लिट्टे की सदस्य थी जिसका नाम तेनमोजि राजरत्नम था | वह राजीव गांधी के पैर स्पर्श करना चाहती थी परंतु सुरक्षाकर्मी उसे राजीव गांधी के पास जाने से रोक रहे थे तब राजीव गांधी ने सुरक्षाकर्मियों से कहा था कि उसे आने दो | जैसे ही यह महिला राजीव गांधी के पास पहुंची और उनका पैर स्पर्श करने के लिए नीचे झुकी तो उसने अपने कमर में लगे गोला बारूद को ऑन कर दिया जिससे कि वहां पर विस्फोट हो जाता है उस महिला सहित राजीव गांधी एवं अन्य 16 लोगों की मृत्यु हो हो जाती है| इस घटना से पूरा देश अत्यंत दुखी हुआ इस तरह से अपने प्रधानमंत्री को देश में खो दिया |
राजीव गाँधी हत्याकांड आरोपियों को सजा
इस घटना में कई सारे आरोपी थे जिसमें कुछ आरोपी की घटनास्थल पर मौत हो गई थी तो उनमें स कुछ लगभग 7 आरोपी जिंदा पकड़े गए थे | जिनको सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था उन सभी को मौत की सजा सुनाई थी | परंतु सन 2014 में राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी आरोपियों की मृत्यु दंड की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया | वही सजा एक आरोपी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश भी दे दिया |
राजीव गाँधी को भारत रत्न पुरस्कार क्यों दिया गया
राजीव गांधी को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है कांग्रेस के शासनकाल में दिया गया था |
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