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आचार्य प्रशांत बायोग्राफी
आज के समय में प्रत्येक मनुष्य केवल पैसे कमाना चाहता है | हर कोई चाहता है कि वह अमीर बन जाए उसके पास सुख सुविधा का हर साधन मौजूद हो | मनुष्य पैसे कमाने में इतना व्यस्त है कि वह यह भी भूल जाता है कि क्या सही है? क्या गलत है? पैसे कमाने की होड़ में आज लोग अपनी जिंदगी जीना भूल गए हैं |
एक दूसरे से आगे निकलने की इस रेस में मनुष्य अनेक प्रकार की समस्याओं जैसे कि चिंता, टेंशन ,मानसिक ,तनाव से घिरा रहता है | वह हर छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ा हो जा जाता है वह किसी काम में फेल होने पर उसे निराशा जीवन से विरक्ति जैसा अनुभव करने लगता है| ऐसे में ऐसा लगता है कि कोई ऐसा इंसान हो जो हमें मोटिवेट कर सकते हैं यह बताएं कि जीवन में क्या सही है क्या गलत है आज हम आपको एक ऐसे ही मोटिवेशनल गुरु आचार्य प्रशांत के बारे में बता रहे हैं |
कौन है आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत एक लेखक अद्वैत शिक्षक मोटिवेशनल गुरु है आचार्य प्रशांत सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों को मोटिवेट करते हैं | अध्यात्मवाद जीवन जीने का सरल नजरिया भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को शिक्षित एवं जागरूक करने का काम करते हैं | IIT , IIM शिक्षा प्राप्त करने के बाद IAS अधिकारी बनकर कुछ समय तक देश की सेवा किया मात्र 28 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने कारपोरेट लाइट को अलविदा कह दिया एवं अध्यात्मवाद का मार्ग अपना लिया |
आचार्य प्रशांत प्रारंभिक जीवन
आचार्य प्रशांत का जन्म 7 मार्च सन 1978 को आगरा उत्तर प्रदेश में हुआ था | इनके पिता एक सरकारी अधिकारी एवं माता गृहणी है | आचार्य प्रशांत तीन भाई बहन हैं |
अचार्य प्रशांत बचपन से ही गंभीर स्वभाव के थे | कुशाग्र बुद्धि होने के कारण छोटी उम्र में बड़ी-बड़ी बातें करते थे | अक्सर इन के मित्र उनकी बातों को समझ नहीं पाते थे |
आचार्य प्रशांत के पिताजी सरकारी नौकरी में थे जिसके कारण उनका ट्रांसफर अलग-अलग जगह पर होता रहता था |
आचार्य प्रशांत अपने पिताजी के साथ लाइब्रेरी जाते थे | इन्हें किताबें पढ़ने का बहुत अधिक शौक था | 10 वर्ष की उम्र में ही इन्होंने बहुत सारी किताबों का अध्ययन कर लिया था और 11 साल की उम्र से इन्होंने लेखन कार्य शुरू कर दिया | मात्र 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी | आचार्य प्रशांत को बचपन से ही अकेले रहन पसंद था अक्सर व खुले आसमान के नीचे घंटों बैठा करते थे |
आचार्य प्रशांत के एक शिक्षक बताते हैं कि आचार्य प्रशांत बहुत ही होशियार बुद्धिमान विद्यार्थी थे | अक्सर ऐसा होता कि स्टूडेंट का कुछ विषय बहुत ही स्ट्रांग होता है तो कुछ नहीं | परंतु आचार्य प्रशांत सभी विषय में स्ट्रांग निपुण थे | उनकी इस क्षमता से उनके शिक्षक उनसे बहुत ही प्रभावित थे और उनकी तारीफ करते नहीं थकते | प्रशांत को बचपन में ही राज्यपाल के द्वारा एनटीएससी विद्वान श्रेणी का पुरस्कार दिया गया था|
आचार्य प्रशांत के माता-पिता कहते हैं कि आचार्य प्रशांत को पढ़ने का इतना शौक था कि वह घंटों पढ़ाई किया करते थे पढ़ाई के लिए वह भोजन खेलकूद तक को भी कभी-कभी छोड़ देते थे |
इन्होंने एक नाटक में भाग लिया था इस नाटक में उनका अभिनय अत्यंत ही सुंदर था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी दिया गया | पर क्या आप जानते हैं कि सबसे खास बात क्या थी अपने अभिनय के किरदार में इन्होंने एक शब्द भी बोला नहीं था ना ही कोई मोमेंट किया था इससे पता चलता है कि वह एक अच्छे कलाकार भी हैं |
आचार्य प्रशांत शैक्षणिक योग्यता
अचार्य प्रशांत बचपन से ही कुशाग्र प्रतिभा वाले व्यक्ति थे | उनकी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में ही हुई है | जब वह 15 से 16 साल के थे तब उनके पिता का ट्रांसफर गाजियाबाद में हो गया आगे की पढ़ाई उन्होंने वही की | इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने आईआईटी जेईई का एग्जाम दिया |
आईआईटी हमारे देश का प्रतिष्ठित इंजिनियरिंग संस्था है जहां पर पढ़ना बच्चों का सपना होता है | इसमें प्रवेश के लिए जेइई मेन्स एवं जेइई एडवांस का एग्जाम होता है |
हर साल लगभग 15 लाख बच्चे इस परीक्षा में भाग लेते हैं इसमें से केवल 10हजार बच्चे आईआईटी में और लगभग एक लाख बच्चे एनआइटी ट्रिपल आईटी जैसी संस्थाओं में जाते हैं |
सन् 1999 में अचार्य प्रशांत ने अपने कठिन मेहनत से इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली फल स्वरूप आईआईटी दिल्ली में इनको एडमिशन मिला यहां से उन्होंने बीटेक की पढ़ाई पूरी की |
आगे सन 2003 में पोस्ट ग्रेजुएशन आई एम अहमदाबाद से किया |
इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई | यूपीएससी देश का एक प्रतिष्ठित परीक्षा है उसमें इन्होंने 184 रैंक हासिल की और एक अधिकारी बनकर कुछ समय तक देश की सेवा किया |
अचार्य प्रशांत करियर
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आईआईटी आईआईएम एवं प्रशासनिक अधिकारी इन क्षेत्रों में पढ़कर एवं सफलता प्राप्त कर भी आचार्य प्रशांत ने एक ऐसा मार्ग चुना जो आपको सोचने पर विवश कर देगा अचार्य प्रशांत लाखों की नौकरी कर सकते थे किंतु उन्होंने मोटिवेशन ,शिक्षा, धर्म का मार्ग चुना |
मात्र 28 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने कारपोरेट लाइफ को अलविदा कह दिया | इस
के बाद उन्होंने अध्यात्मवाद का मार्ग चुना |
आज वह लोगों को मोटिवेट करते हैं उन्हें रियल लाइफ और रिल लाइफ में अंतर को बताते हैं |
अचार्य प्रशांत यूट्यूब चैनल
अचार्य का अपना यूट्यूब चैनल है जिसके माध्यम से लोगों को जागृत प्रेरित करते हैं वही मोटिवेट करने का काम करते है | वह हर एक प्रश्न के लिए अपना एक अलग नजरिया रखते हैं सही क्या है गलत क्या है इसका तर्कसंगत उत्तर देते हैं | आप एक बार अवश्य आचार्य के चैनल पर विजिट करें वहां से आप अवश्य ही कुछ नया सीखने में कामयाब होंगे | आचार्य के चैनल पर सैकड़ों वीडियो पड़े हुए हैं जो कि अलग-अलग विषयों पर आधारित है |
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन
अचार्य अद्वैत फाउंडेशन के अध्यक्ष है यह एक गैर लाभकारी संस्था है जोकि ग्रेटर नोएडा में स्थित है | इसका उद्देश्य है असत्य जो कि प्रत्येक मनुष्य के भीतर हैं तथा हमारे समाज में व्याप्त है आज इंसान हर छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोल देता है को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाया गया है | संस्था का उद्देश्य लोगों को स्वयं के प्रति अपने जीवन के प्रति वैज्ञानिक एवं अध्यात्मिक दृष्टिकोण के लिए प्रेरित करना है | वही लोगों को भारत के प्राचीन धर्म ग्रंथों संस्कृति उपनिषदों शिक्षा देना |
यह फाउंडेशन दिन प्रतिदिन बहुत ही अच्छा काम कर रहा है |
आचार्य प्रशांत द्वारा लिखित पुस्तकें
आचार्य एक बहुत ही अच्छे लेखक हैं उन्होंने बहुत सारी पुस्तकें लिखी हुई है उनकी पुस्तकें जीवन जीने का एवं आपकी सोच को बदलने में सक्षम है अमेजॉन पर इनकी पुस्तकें टॉप ट्रेंडिंग में रहती हैं आप यहां से उनकी पुस्तकों को खरीद सकते हैं आचार्य द्वारा लिखी हुई पुस्तकें निम्नलिखित हैं –
- माइलस्टोन टू सक्सेस
- द सीक्रेट ऑफ़ जॉयफुल रिलेशनशिप्स
- सेलेब्रेटिंग जीजस
- एंगर
- फियर
- द लवर यू हैव बीन मिसिंग
- आचार्य प्रशांत विथ स्टूडेंट्स
- अद्वैत इन एवरीडे लाइफ
- भागे भला न होएगा
- लव एंड लोनलिनेस
- पर्सनालिटी: द रियल हीरो विदिन
- योर हर्ट्स डीपेस्ट डिजायर
- आध्यात्मिक भ्रांतियां
- 365 डेस इन लव
- देव ड्रॉप्स ऑफ़ ग्रेस
- यू आर आलरेडी होम
- लव, स्पिरिचुआलिटी
- बुक ऑफ़ मिथ्स
- द ब्यूटीफुल हार्ट
- अ फ्लाइंग किस टू द स्काई
- द नेकेड स्काई ऑफ़ फ्रीडम
- जॉय
- गगन दमदमा बाजिया
- वर्ड्स इनटू साइलेंस
- बॉडी, इंटिमेसी एंड सेक्स
आचार्य प्रशांत की पत्नी
आचार्य की शादी नहीं हुई है अर्थात व कुंवारे हैं उन्होंने अपने जीवन में ब्रह्मचर्य को अपना लिया है अर्थात वह शादी नहीं करेंगे |
आचार्य प्रशांत के अनमोल विचार
Quotes 1
खुद की उम्मीद का दूसरा नाम दुख है।
तुम जितने छोटे हो तुम्हारे सामने कोई भी उतना ही बड़ा हो जाता है।
Quotes 2
मौत याद रखो मौज साथ रखो।
Quotes 3
प्रेम पंख देता है पिंजरा नहीं।
Quotes 4
Quotes 5
मन मतलब खोजना और “ना” पाना।
Quotes 6
जीवन एक रंगमंच है इसमें अपना किरदार सावधानी से निभाईये |
सावधानी से अपने जीवन का निरीक्षण करें फिर आप सत्य को पहचान पाएंगे |
Quotes 7
Quotes 8
शून्यता का मतलब है खुद से मुक्त होना और जहां शून्यता है वहां परमात्मा है।
Quotes 9
किसी व्यक्ति को उसकी ऊँची आवाज़ से नहीं, बल्कि उसके मौन की गहराई से जानें।
जीवन की कोई भी खोज मृत्यु के बहुत करीब जाकर शुरू होती हैं। मृत्यु को समझना जीवन को समझना है।
Quotes 10
Quotes 11
इतना भी गंभीर मत बनो, कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है।
जीने का मजा तब आता है
Quotes 12
जब एक बहुत उंचा मकसद तुम्हारी जिंदगी पर छा जाता है |
Quotes 13
अच्छा करना – बहुत दूर की बात है, जरुरी है कि पहले अच्छे हो जाओ |
आचार्य प्रशांत से जुड़े रोचक तथ्य
- आचार्य प्रशांत का असली नाम प्रशांत त्रिपाठी है |
2. Karma: Why Everything You Know About It Is Wrong” ये पुस्तक आचार्य प्रशांत जी की लेटेस्ट रिलीज़ पुस्तक है यह पुस्तक बहुत ही फेमस हो रही है जो Amazon पर टॉप ट्रेंड में चल रही है।
3. आचार्य प्रशांत का फेवरेट रंग नीला है |
4. आचार्य प्रशांत को किताबे अखबार में पढ़ने का बहुत शौक है |
5. आचार्य प्रशांत जनसंख्या, महिला सशक्तिकरण, भोगवादिता, युवा जागरूकता, अंधविश्वास जैसे मुद्दों पर खुलकर अपने विचारों को रखते हैं |
6. पर्यावरण संरक्षक,पशुक्रूरता, वैश्विक तापन और बढ़ती आबादी से होते विनाश पर सतत जागरूकता, शुद्ध शाकाहार के प्रचारक इन विषयों पर आचार्य प्रशांत के विचार अत्यंत ही तर्कसंगत एवं ध्यान देने योग्य है |
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