जल प्रदूषण पर निबंध( Essay on water pollution in Hindi)

जल प्रदूषण पर निबंध( Essay on water pollution in Hindi)

रूपरेखा

आज का लेख “जल प्रदूषण पर निबंध ( Essay on water  pollution in Hindi)  है |” इस निबंध को विस्तृत रूप से लिखा गया है यह निबंध विशेषत: UPSC, SSC, TET, CTET, BED आदि परीक्षाओं को को ध्यान में रखकर लिखा गया है | General knowledge (सामान्य ज्ञान )की अधिक से अधिक जानकारी के लिए एवं अच्छे प्रश्नों के लिए वेबसाइट hindigk guru पर विजिट करें |

प्रस्तावना

प्रदूषण एक ऐसी गंभीर समस्या है जिससे ना केवल हमारा देश ग्रसित है बल्कि यह पूरे विश्व के लिए चुनौती का विषय है | सारे मानव क्योंकि जो मनुष्य के लिए उपयोगी हैं परंतु प्राकृतिक वातावरण के लिए हानिकारक होते हैं | तरक्की विकास की होड़ में मानव जाति नित्य नये ऊचाई पर जा रहा है विश्व के सभी देश अपने आप को  एक दूसरे से श्रेष्ठ दिखाने के लिए पर्यावरण का दोहन किए जा रहे हैं |

वैसे तो प्रदूषण के कई प्रकार के होते हैं जैसे- वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण मृदा प्रदूषण आदि | आज हम आपको जल प्रदूषण के बारे में बता रहे हैं |

जल प्रदूषण क्या है ?

जो मानवीय क्रियाकलाप जल को दूषित कर रहे हो उसे जल प्रदूषण कहते हैं | दूषित पानी पीने योग्य नहीं होता फिर भी कुछ लोग इसे पीते हैं | भारत जैसे देश में अधिकांश लोग गंदे पानी पीने को मजबूर हैं | उनके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह शुद्ध पानी पी सके |

यह जरूरी नहीं है कि प्रदूषित पानी में कचरा हो उससे बदबू  आये, उसका कलर बदला हो तभी वह प्रदूषित जल है |अधिकांश प्रदूषित जल तो देखने में एकदम स्वच्छ जल की तरह होते हैं परंतु उसमें अनेक हानिकारक रसायन मिले होते हैं जो पीने के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं होते हैं| ऐसे जल को नहीं पीना चाहिए इनके सेवन से अनेक तरह की बीमारी होती है कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है |

जल प्रदूषण के कारण

हमारे देश में जल प्रदूषण की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है अधिकांश  लोग गंदे पानी पीने को मजबूर हैं | ग्रामीण भारत में लोग बर्तन साफ करने   पशुओं को नहलाने के लिए नदियों, तलाब का उपयोग करते हैं जिससे इनका जल दूषित हो रहा है | शहरी भारत की बात करें तो यहां सबसे बड़ी समस्या है सीवेज का गंदा पानी |
हमारे घर तथा कारखानों से निकलने वाले गंदे जल को पाइपों के द्वारा नदियों में प्रवाहित कर दिया जाता है| जो कि नदियों के जल को दूषित कर रहा है |
हमारे देश में सीवेज सिस्टम बहुत ही खराब है बहुत ही कम कंपनियों के पास अपना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है |  राजधानी दिल्ली में बहुत सारी कंपनी है यह  कारखाने से निकलने वाले गंदे जल को यमुना नदी में विसर्जित कर देते हैं जिससे यमुना का पानी दूषित हो रहा है | जो यमुना में रहने वाले जंतु को भी प्रभावित कर रहा है बल्कि आगरा उत्तर प्रदेश में स्थित भारत की  विश्व धरोहर ताजमहल की दीवारों को भी गंदा कर रहा है |
ताजमहल की दीवार जो यमुना को स्पर्श करती हो वह यमुना की दूषित पानी की वजह से अपनी चमक खो रही है केवल दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में लगभग यही स्थिति है जिसकी वजह से देश की 2 सबसे बड़ी नदी गंगा, यमुना का पानी आज अत्यंत दूषित हो चुका है |

जल प्रदूषण का घरेलू कारण

हमारे देश में कई और वजह से भी नदियां दूषित हो रही है |  देश में त्यौहार पूजा-पाठ हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है | देश के अधिकांश त्योहार जैसे- दुर्गा पूजा, कृष्ण जन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी आदि में भगवान की प्रतिमा बनाई जाती है | जो मिट्टी, घास पूस,रंग आदि से बनी  होती है |  पूजा पाठ के बाद मूर्तियों को नदियों जलाशयों में प्रवाहित कर दिया जाता है | इतना ही नहीं लोग पूजा में प्रयोग होने वाली फूल, पत्ते, दीया  आदि सामान को भी प्रवाहित कर देते है | जो पानी को दूषित कर देता है |

कभी-कभी  मरे हुए पशुओं को लोग नदियों में फेंक देते हैं जो कि पानी को दूषित कर रहा है| इन नदियों में अधिकांशत मछलियां रहती हैं जो कि इन दूषित जल का सेवन करती है | फिर मछुआरों द्वारा इन मछलियों को पकड़ा जाता है और इसे बाजारों में बेच देते हैं इन मछलियों को दूषित मांस को खाकर लोग बीमार पड़ जाते हैं |

कृषि द्वारा जल प्रदूषण

हमारे देश कृषि प्रधान देश है | देश के किसान फसल से अधिक लाभ तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए अधिक से अधिक रासायनिक उर्वरकों, किटनाशको का प्रयोग कर रहे हैं |  इन उर्वरकों  में मुख्यता नाइट्रोजन , फास्फोरस की बड़ी मात्रा होती है | जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होती है एवं फसलों को हानिकारक कीट पतंगों से बचाने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया जाता है |

सामान्यता इन खेतों में उगने वाले  घासों को लोग पशुओं को खिला देते हैं | फिर इन पशुओं जैसे – गाय , भैंस, बकरी के दूध का सेवन हम मनुष्य करते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए परोक्ष रूप में हानिकारक है | इतना ही नहीं वर्षा जल द्वारा बहकर आसानी से नदी में चले जाते हैं जो नदियों के जल को प्रदूषित करते हैं |

बिजली संयंत्रों से

हमारे देश में अधिकांश बिजली संयंत्र नदियों के तट पर  स्थित है क्योंकि  बिजली उत्पादित करने के लिए कारखाने नदियों के जल प्रयोग करते हैं | उपयोग के बाद इस  जल को वापस नदी में डाल देते हैं यह प्रक्रिया बार-बार  दोहराया जाता है | अचानक से नदियों के ठंडी जल में गर्म पानी डाल दिया जाता है|जो कि नदियों में रहने वाले जीवधारी के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि ये जीवधारी अत्यंत संवेदनशील होते हैं | इतना ही नहीं लोग अपने घरों से निकलने वाले कचरे कारखानों से निकलने वाले ठोस कचरा आदि को भी नदियों में फेंक  देते हैं |

मानवीय क्रियाकलापों द्वारा जल प्रदूषण

इंडोनेशिया के नदी में इतना कचरा फेंका गया है कि उसका पानी दिखाई नहीं देता, बाहर से देखने में ऐसा लगता है कि मानो कचरे के ढेर हो | इस प्रकार के मानवीय क्रियाकलाप जल को अत्यधिक दूषित कर रहे हैं|
समुद्र के किनारे घूमने का लोगों को बड़ा ही शौक होता है या फिर समुद्र में बोटिंग करते हुए लोग पानी की बोतल, प्लास्टिक  आदि को पानी में ही फेंक देते हैं फिर यह कचरे संसार के विभिन्न समुद्र में एक स्थान से दूसरे स्थान पर फैल जाते हैं | यह समुद्र में निवास करने वाले जीव- जंतु वनस्पतियों के लिए हानिकारक है |आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन कचरे से प्रशांत महासागर में इकट्ठा होकर टेक्सास बन गया हैं |
परमाणु ऊर्जा संयंत्र से निकलने वाले रेडियोधर्मी कचरे भी जल को दूषित करते हैं |

तेल रिसाव

कभी-कभी कुछ प्राकृतिक कारणों से भी जल प्रदूषण होता है| तेल रिसाव पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैस आदि भूमिगत प्राकृतिक तरीके से  महासागर से नदियों के जल में चले जाते हैं जो के जल को दूषित करते हैं |
अमेरिका के कैलिफोर्निया में दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोलियम रिसाव ( आयल पॉइंट शिप )इनसे इतना अधिक रिसाव होता है कि यहाँ पास के समुद्र तल पर पड़े प्रदूषक करो को देखा जा सकता हैं जिसे टार बाल्स कहते हैं | इसके अलावा जो पेट्रोलियम स्रोत महासागरों में स्थित है उनसे भी काफी मात्रा में तेलों का रिसाव होता है जो जल में मिलकर जल को दूषित करते हैं |

खनन व ड्रिल द्वारा

हमारे देश में बहुत सी जगह पर खनन कार्य होते हैं जिनसे पहाड़ों को तोड़कर या भूमि के नीचे से पत्थर ,बहुमूल्य धातुएं आदि को निकाला जाता है | फिर तत्वों के निष्कर्षण प्रक्रिया में धुलाई की प्रक्रिया होती है जिसमें रसायनिक तत्वों को नदी के जल में धोया जाता है |पानी में पहुंचकर यह रसायन नीले हरे शैवाल को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे सायनोबैक्टीरिया भी कहते हैं यह जलीय धारियों के लिए अत्यंत हानिकारक है |

जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव

प्रदूषित पानी पीने से लोग कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं जैसे- टाइफाइड बुखार , लिवर कैंसर आदि | WHO अनुसार हर साल 4000 बच्चों की मौत  गंदे पानी पीने की वजह से होती है |

जल प्रदूषण रोकने के उपाय

भारत सरकार द्वारा जल प्रदूषण को रोकने के लिए बहुत से अभियान चलाए जा रहे हैं |

स्वच्छ भारत अभियान

भारत सरकार द्वारा चलाया गया बहुत्वाकांक्षी  योजना है जिसका उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है भारत को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने खुद झाड़ू लगाकर इसकी शुरुआत की थी  नमामि गंगे |
भारत की सबसे बड़ी और पवित्र नदी गंगा  हमारे देश में लोगों को माता के समान मानकर उसकी पूजा करते हैं |
शास्त्रों में भी विशेष महत्व दिया गया तथा मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है उसको प्रधानमंत्री द्वारा नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत की गई वर्ष 2014 में शुरू किया गया था |
गंगा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से देश की संस्कृति और सभ्यता के लिए सरकार द्वारा गंगा में अपशिष्ट पदार्थों के विसर्जन, मूर्ति विसर्जन और कारखानों से निकलने वाले कचरे को फेकने से रोका जाएगा | कंपनियों द्वारा सुवेज ट्रीटमेंट अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन यह सब से फॉलो नहीं कर रहे हैं |
बात करते सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की तो उदाहरण के रूप में जापान की बात करते हैं जापान देश में सीवेज का पानी इतना शुद्ध होता है कि इसमें में तैरती हुई मछलियों को आराम से देखा जा सकता है |

हम कचरे को पानी में नहीं फेंकना चाहिए एवं अधिक से अधिक पर  वृक्ष लगाना चाहिए हमे वृक्षों को कटने से बचाना चाहिए | 

FAQs

Q1. जल प्रदूषण का अर्थ  क्या है?
A.  जो मानवीय क्रियाकलाप जल को दूषित कर रहे हो उसे जल प्रदूषण कहते हैं |

Q2. जल प्रदूषण कितने प्रकार का होता है?
A. जल प्रदूषण तीन प्रकार का होता है –
       भौतिक जल प्रदूषण
        रासायनिक जल प्रदूषण
        जैविक जल प्रदूषण


Q3. भारत में जल प्रदूषण का मुख्य स्रोत क्या है?
A.  सीवेज का गंदा पानी |

Q4. भारत की सबसे प्रदूषित नदी कौन सी है?
A.   केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार साबरमती नदी भारत की सबसे अधिक प्रदूषित नदी है |

Q5. विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित नदी कौन सी है?
A. इंडोनेशिया की सीतारूम नदी |

Q6. विश्व की सबसे स्वच्छ नदी कौन सी है?
A.  टेम्स नदी को दुनिया की सबसे स्वच्छ नदी  माना गया है इसे लंदन की गंगा भी कहा जाता है |

Q7. जल प्रदूषण से होने वाले रोग कौन से हैं?
A. हैजा, पेचिश, पोलियो, टायफाइड आदि  रोग मुख्य रूप से गंदे जल पीने की वजह से होता है |

Q8. भारत में जल प्रदूषण से लगभग कितने लोगों की मृत्यु होती है?
A. डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष 10 से 15 लाख लोगों की मृत्यु का मुख्य कारण जल प्रदूषण है |

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4 thoughts on “जल प्रदूषण पर निबंध( Essay on water pollution in Hindi)”

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