वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण पर निबंध( Essay on air pollution in Hindi)

रूपरेखा

आज का लेख “वायु प्रदूषण पर निबंध ( Essay on air pollution in Hindi)  है |” इस निबंध को विस्तृत रूप से लिखा गया है यह निबंध विशेषत: UPSC, SSC, TET, CTET, BED आदि परीक्षाओं को को ध्यान में रखकर लिखा गया है | General knowledge (सामान्य ज्ञान )की अधिक से अधिक जानकारी के लिए एवं अच्छे प्रश्नों के लिए वेबसाइट hindigk guru पर विजिट करें |

प्रस्तावना

आधुनिक जीवन शैली और तकनीकी की ओर आकर्षित आज का मानव संसार नित्य नए-नए आविष्कार कर रहा है |आज का मनुष्य बहुत ही विकसित हो चुकी है | आज लोगों के पास  सुख साधन की सभी चीजें व्याप्त है | आये दिन नए-नए वैज्ञानिक खोजों के बारे में पता चलता है निश्चित रूप से यह अविष्कर जहां  मानव जीवन को समृद्ध बनाने में सहायक है|

ये विज्ञान की ही देन है कि जो काम हम पहले कई घंटों में करते थे आजकल चंद मिनटों में कर लेते हैं | कहते है ना कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही अविष्कारों की कुछ कमियां भी है जो इस वातावरण के लिए बहुत ही खतरनाक है | मानव सभ्यता जिस प्राकृतिक वातावरण में अपना वर्चस्व स्थापित किए हुए हैं खुद उससे ही हानि पहुंचा रहा है|

मनुष्य अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रकृति को अत्यधिक हानि पहुंचा रहा है | प्राकृतिक स्रोतों का दहन खुलेआम कर रहा है लोग किसी न किसी रूप में प्रकृति को क्षति पहुंचा रहे हैं 

 
प्रदूषण क्या है?

हर एक मानवीय क्रियाकलाप जो किसी न किसी रूप में प्रकृति को हानि पहुंचाए प्रदूषण के अंतर्गत आता है | प्रदूषण से प्रकृति को हानि पहुंचेगी, जिसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ेगा | कुल मिलाकर हमारे काम हमारे ही परेशानी का कारण बनेंगे |
आज के समय में हर देश अपने आप को सर्वश्रेष्ठ साबित करने में लगा हुआ है |इसके लिए वह बड़े-बड़े परीक्षण खोज अविष्कार को बढ़ावा दे रहा है | बेशक ये लाभकारी हैं  तो दूसरी और बहुत अधिक हानिकारक भी हैं | प्रदूषण एक विश्वस्तरीय समस्या है जिससे न केवल हमारा देश बल्कि पूरा विश्व प्रभावित है |

आज हम आपको वायु प्रदूषण के बारे में बता रहे हैं |


वायु प्रदूषण क्या है?

जब हवा के द्वारा हमारे वातावरण दूषित होता है तो हम उसे वायु प्रदूषण करते हैं |यह प्रदूषण के सबसे खतरनाक रूप में से एक है,जो इतना खतरनाक है कि अकेले ही मानव सभ्यता का अंत कर सकता है| इसकी वजह यह है कि मनुष्य एवं समस्त जीवधारी जो इस धरती पर निवास करते हैं सभी को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन हवा की आवश्यकता होती है और हवा दिन प्रतिदिन दूषित जहरीली होती जा रही है |

हमारे दैनिक क्रियाकलापों से लेकर बड़े – बड़े वैज्ञानिक खोज | जहाँ लोग पेड़ों को काटकर घर बना रहे हैं तो सरकार द्वारा जंगलों को काट कर सड़क , कारखाने बनाए  जा रहे हैं | कल कारखानों की चिमनी  द्वारा निकलने वाले धुंए वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं वैज्ञानिक परीक्षण के दौरान राकेट से निकलने वाली धुंए  यह भी वातावरण को दूषित करते हैं| कोल जलाकर बिजली उत्पादन करने वाले विद्युत संयंत्र ये भी वातावरण  को दूषित कर रहे हैं |


वायु प्रदूषण के मानव निर्मित कारण

1.अनेक मानवीय क्रियाकलाप वातावरण अत्यधिक हानि पहुंचा रहे हैं यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके द्वारा जहां एक और मनुष्य के सुखों में वृद्धि हो रही है| तो दूसरी ओर वातावरण को बहुत अधिक हानि पहुंच रही है |
2.वर्तमान समय में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए मोटर गाड़ियों का उपयोग कर रहे हैं अधिकांश था यह वाहन पेट्रोल डीजल से चलते हैं जिन से निकलने वाले धुएं वातावरण को अत्यधिक दूषित कर रहे हैं |

3.भारत की अधिकांश जनता ग्रामीण है जहां आज भी खाना बनाने के लिए चूल्हा लकड़ी , कोयले का उपयोग किया जाता है इनसे होने वाले धुएं भी वातावरण को दूषित कर रहे हैं |

4.भारत एक कृषि प्रधान देश है अधिकांश कृषि कार्य भी वातावरण को दूषित करने में सहायक है |

5.वर्तमान समय में देश में बहुत सारे कारखाने हैं वैसे तो देश के विकास के लिए एवं लोगों की आ सकता पूर्ति के लिए कारखानों का होना आवश्यक है परंतु इन कारखानों की चिमनी कों से निकलने वाले धुएं भी वातावरण को अत्यधिक प्रभावित कर रहे हैं |

6.धरती के अंदर से उपयोगी पदार्थों पेट्रोलियम, गैस बहुमूल्य पत्थर आदि प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा खनन कार्य व्यापक स्तर पर किए जाते हैं | खनन कार्य के दौरान विभिन्न प्रकार की गैस, मिट्टी के कण आसपास के वातावरण में मिल जाते हैं | जोकि वहां की हवा को दूषित करने में सहायक होते हैं |

7.देश को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के परमाणु परीक्षण किए जाते हैं परमाणु परीक्षण के दौरान भी वातावरण अत्यधिक दूषित होता है |

8. कोयले को जलाकर विद्युत ऊर्जा प्राप्त किया जाता है कोयला जलाने उत्पन्न होने वाले धुएं भी वातावरण को प्रभावित करते हैं |

9. वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण जनसंख्या है मनुष्य अपने आवश्यकता की पूर्ति के लिए दिन प्रतिदिन अधिक से अधिक प्राकृतिक चीजों का दोहन करता चला जा रहा है जो हमारे वातावरण के लिए हानिकारक है |


वायु प्रदूषण के प्राकृतिक कारण

ज्वालामुखी के कारण वायु प्रदूषण

कभी-कभी कुछ प्राकृतिक कारणों से भी वायु प्रदूषण होता है जैसे कि 1883 में इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फट गया और इसका राख पूरे संसार के आकाश में फैल गया |जो कि हवा को प्रदूषित किया अधिकांशत वायु प्रदूषण प्राकृतिक रूप से नहीं होता है यह प्राकृतिक खनिज पदार्थ कोयला, तेल, गैस की दोहन के कारण होता है |


अमेजन जंगल की आग

पिछले कुछ वर्षों में जंगलों में आग लगने की बहुत सी घटनाएं हुई हैं इन घटनाओं ने वातावरण को बहुत अधिक क्षति पहुंचाए अगस्त 2019 में दुनिया के सबसे बड़े जंगल अमेजन में आग लग गई  | इस जंगल लंग ऑफ अर्थ (धरति का फेफडा )कहा जाता है |धरती का लगभग 30 परसेंट ऑक्सीजन इसी जंगलों से आता है |अमेजन के जंगल में कई मानव जनजातियां और विविध प्रकार के पशु -पक्षी जंगली जानवर निवास करते हैं | जो शायद पृथ्वी के अन्य भागो पर नहीं रहते हैं|

कहा जाता है कि इस जंगल में ऐसे अनेक से जीवधारी हैं जिनको आज का साइंस वर्ल्ड भी जान नहीं पाया है | हर साल अनेकों साइंटिस्ट इस जंगल में खोज के लिए जाते हैं |अमेजन जंगल में आग लगने से इन जनजातियों के घर जल गए बल्कि बहुत सारे पशु पक्षी मारे भी गए | वही आग से उठने वाले धुएं चारों ओर फैल गये| जिससे कि आसपास के शहरों में दिन में ही रात सा प्रतीत होने लगा |

दुनिया का सबसे बड़ा वर्षा वन लगभग 3 महीने तक जलता रहा इस आग ने वातावरण को बहुत अधिक दूषित किया | ब्राजील में बहुत सारे लोग बीमार हो गए हैं बहुत से छोटे बच्चे इससे प्रभावित हुए|यह वायु प्रदूषण न केवल ब्राजील को बल्कि पूरे संसार को प्रभावित किया |


वायु प्रदूषण के भयावह रुप

भोपाल गैस त्रासदी

मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर राजधानी में 3 दिसंबर 1984 को एक भयानक दुर्घटना घटी | भोपाल स्थित यूनियन कार्बाईड नामक कंपनी में दुर्घटना बस एक जहरीली गैस एमआईसी(MIC) मिथाइल आइसोसायनाइड का रिसाव हो गया | इसका उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता है|

शीघ्र अति शीघ्र यह गैस हवा में फैल गया जिससे की आस पास की हवा दूषित हो गई इस घटना में लगभग 20 हजार लोग मारे गए  | यह गैस इतनी खतरनाक था कि इसके प्रभाव से बहुत से लोग अंधे और अपंगता के शिकार हो गए  | इस प्रकार एक छोटी दुर्घटना ने पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन को भी हानि पहुंचाया |

गैस का प्रभाव इतना अधिक था कि कारखाने के आस – पास की मिट्टी तथा जल भी दूषित हो गए थे एवं त्रासदी के बाद यहां जो बच्चे पैदा हुए वह भी अपंगता की शिकार थे किसी न किसी रूप में | इस घटना ने मानव जीवन को अत्यधिक प्रभावित किया |

अम्लीय वर्षा क्या है और क्यों होता है?

वर्षा जल में अमलों की उपस्थिति को अमली वर्षा कहा जाता है वर्षा जल में वायुमंडल की प्रदूषित हवा होती हैं जो जल से क्रिया करके एसिड में बदल जाती है | अमली वर्षा का मुख्य कारण वायु प्रदूषण होता है जब वर्षा जल का पीएच 5.6 से कम होता है तो उसे अमली वर्षा कहा जाता है |

अमली वर्षा की वजह से जल प्रदूषण एवं मृदा प्रदूषण दोनों होता है यह जीव जंतुओं के लिए अत्यंत खतरनाक एवं पेड़ पौधों  को भी हानि पहुंचाता है |मुख्य रूप से यह  एशिया महाद्वीप को प्रभावित करता है |

ताजमहल का रंग फीका क्यों पड़ रहा है ?

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत में अमली वर्षा | ताजमहल भारत की शान एवं विश्व का सातवां अजूबा है उस पर ग्रहण बना हुआ है यह अम्लीय वर्षा |सफेद संगमरमर की यह खूबसूरत इमारत भी प्रदूषण अमली वर्षा से अछूता नहीं रहा |

दिन प्रतिदिन यह इमारत अपनी खूबसूरती की चमक को खोता जा रहा है चुकी ताजमहल सफेद पत्थरों कैलशियम कार्बोनेट से बना हुआ है जब इनके ऊपर अमली वर्षा एसिड जल गिरते हैं तो यह आपस में क्रिया कर लेते हैं यही वजह है कि ताज माल का रंग धूमिल हो रहा है |

दिल्ली वर्सेस बीजिंग

विश्व की सर्वाधिक प्रदूषित शहर जब दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहर की बात की जाती है तो उसमें दिल्ली और बीजिंग (चीन की राजधानी) टॉप पर होते हैं यहाँ वातावरण में प्रदूषण इतना ज्यादा होता है कि कई-कई दिनों तक सूर्य के दर्शन नहीं होते यहां पर प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा होता है कि सरकार द्वारा चेतावनी जारी करनी पड़ती है

दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं जैसे पंजाब हरियाणा में पराली जलाए जाने के कारण भी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है| भारत एक कृषि प्रधान देश है विशेषता पंजाब और हरियाणा राज्य में धान की कटाई के बाद पराली को किसानों द्वारा खेत में ही जला दिया जाता है| बहुत अधिक मात्रा में पराली जलाए जाने के कारण वातावरण में धुंध सा हो जाता है जिसका सीधा असर पड़ोसी राज्य दिल्ली में भी पड़ता है |

गाड़ीयो से निकलने वाले धुएं  हवा को दूषित करते हैं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2019 में इतना बढ़ गया था कि इसे तत्काल कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आड ईवन रूल को अपनाया गया |

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव

मानव जीवन के लिए अत्यधिक खतरनाक डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रत्येक वर्ष वायु प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है जिसमें 8 लाख लोगों की मौत अकेले भारत में होती है | वायु प्रदूषण से फेफड़ों में संक्रमण ,कैंसर ,छाती और आंखों में जलन जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं | वायु प्रदूषण से मानव जाति बल्कि दूसरे जीव जंतु भी प्रभावित होते हैं|

वायु प्रदूषण के कारण परिस्थितिकी में परिवर्तन हो जाता है जो कि अत्यंत खतरनाक हो सकता है |वायु प्रदूषण के कारण धरती के तापमान में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रहा है, तापमान वृद्धि का सीधा असर वातावरण के साथ-साथ मानव जीवन पर होगा धरती का तापमान बढ़ जाने की वजह से ग्लेशियर पिघलने लगेंगे जिससे कि हर जगह पानी ही पानी हो जाएगा जो मानव सभ्यता के लिए विनाशकारी है |

वायु प्रदूषण बचाव के उपाय

(i) विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति सचेत किया जाना चाहिए एवं आग्रह करना चाहिए कि वह कम से कम प्रदूषण करें |

(ii) सरकार द्वारा लोगों को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए |

(iii) कंपनियों द्वारा कल कारखानों से निकली वाली हानिकारक गैसों को फिल्टर करके ही वापस वातावरण में मुक्त करना चाहिए |

(iv) पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों का उपयोग करना चाहिए |

(v) कोल से ऊर्जा प्राप्त करने की जगह सौर ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए |

(vi)अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं प्रदूषण को कम करने के लिए| कोई सम्मेलनों में दुनिया के कई देशों ने अपने यहां प्रदूषण को कम करने पर सहमति जताई है |

भारत की रणनीति वायु प्रदूषण पर

भारत सरकार द्वारा एनसीएपी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत की गई है | इसका उद्देश्य प्रदूषण को रोकना एवं कम करना है| इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के विकास पर बल दिया जा रहा है ऊर्जा के नवीकरणीय विकल्पों को देखा जा रहा है | त्योहारों पर छोड़े जाने वाले पटाखों से भी प्रदूषण होता है तथा सरकार द्वारा इस पर आंशिक प्रतिबंध भी लगाया गया है | 

धुआं रहित चूल्हा एवं सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है | निश्चित रूप से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय किंतु  देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जा आवश्यक है कि हम सभी अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं तथा त्योहारों पर पटाखों का उपयोग ना करें हमारे द्वारा उठाई गई हर छोटे से छोटे कदम भी उपयोगी साबित होंगे |

FAQs

Q1. प्रदूषण का क्या अर्थ  है?
Ans- प्रत्येक मानवी क्रियाकलाप जो किसी न किसी रूप में वातावरण एवं मानव जीवन को प्रभावित कर रहे हैं प्रदूषण के अंतर्गत आते हैं |

Q2. वायु प्रदूषण की परिभाषा बताइए?

Ans – जब हवा में विभिन्न प्रकार के हानिकारक गैसों एवं मिट्टी के कणों आदि का  मिश्रण होता है तो उसे हम वायु प्रदूषण कहते हैं  |

Q3. वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों के नाम बताइए?
Ans- वायु प्रदूषण के विभिन्न स्रोत हैंड जैसे कोयला, लकड़ी ,खरपतवार से होने वाले धुएँ पेट्रोलियम दोहन से उत्पन्न विभिन्न प्रकार के हानिकारक जैसे-SO2, NO2, CO2, Pbo, CO इत्यादि | मुख्यता वातावरण वायु प्रदूषण इन कारणों से होता है |

Q4. वायु  प्रदूषण का कारण बताइए ?
Ans- मुख्यता वायु प्रदूषण जहरीली गैसों के कारण होता है प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम के दोहन से विभिन्न प्रकार के हानिकारक कैसे निकलती हैं जो कि हमारे वातावरण को दूषित कर देती हैं इसके अलावा कोयला लकड़ी आदि के जलने से भी उत्पन्न हुए धुएँ वातावरण को दूषित करते हैं |

Q5. वायु प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans • विविक्त प्रदूषण
        • गैसीय प्रदूषण
        • रासायनिक प्रदूषण
        • धुंध धुंध प्रदूषण

Q6. जंगलों में लगने वाली आग को क्या कहते हैं?
Ans जंगलों में लगने वाली आग को दावानल कहते हैं |

Q7. बड़े शहरों में कौन सी धातु वायु प्रदूषण करते हैं?
Ans मुख्य रूप से क्रोमियम कापर लेड कार्बन सल्फर आदि धातु |

Q8. वायु प्रदूषण मापने की इकाई क्या है?
Ans वायु प्रदूषण मापने की कोई  इकाई नहीं होती है वायु प्रदूषण मापन एयर क्वालिटी इंडेक्स के द्वारा किया जाता है, जिसमें मुख्य रुप से पीएम 2.5 एवं पीएम 10 को शामिल किया जाता है | जिसका अर्थ होता है माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर |

Q9. वायु प्रदूषण से मौत का आंकड़ा क्या है?
Ans डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण से पूरे विश्व में 70 लाख लोगों की मृत्यु हो जाते हैं |

Q10. वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय बताइए ?
Ans- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक है कि सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए एवं अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं जाए |

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