लाल किला

लाल किला पर निबंध , इतिहास, महत्व |Amazing Facts about Red Fort 2022

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लाल किला के  बारे में बताये

लाल किला भारत के प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है | अपने देश में बहुत सी प्राचीन धरोहर हैं, इन इमारतों का अपना अस्तित्व एवं गौरव है| यह इमारतें हमारे देश की प्राचीन अतीत एवं तत्कालीन राजा की साम्राज्य और उनके नेतृत्व का जीवंत उदाहरण है | लाल किला जो कभी भारत में मुगल साम्राज्य का सूचक था | 

मुगल कालीन भारत

मुगल कालीन भारत का प्रतीक लाल किला अत्यंत आकषर्क है | वर्तमान समय में यह भारत के शौर्य का प्रतीक है | यूं तो मुगल कालीन भारत कला और साहित्य प्रेमी था | मुगल बादशाह को अपनी संस्कृति एवं परंपराओं को सजा के रखने का बहुत ही शौक था | इन बादशाहों ने देश में अनेकों महलों , इमारतों का निर्माण करवाया | यह इमारत मुगलों के वास्तु प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए काफी हैं | मुगल भारत में बनी यह इमारत आज भी अपनी खूबसूरती एवं नक्काशी कार्य का लोहा मनवा रहा हैं |

ताजमहल हस्त मानव शिल्प का एक अद्भुत रूप है| इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था उनकी पत्नी मुमताज महल की मृत्यु के उपरांत स्मृति स्वरूप इस महान कलाकृति निर्माण करवाया गया था |

यह इमारत इतने भव्य एवं सुंदर हो कि कोई भी इन्हें देखेगा तो यह सोच कर आश्चर्यचकित हो जाएगा कि आधुनिक विज्ञान एवं आधुनिक तकनीकी के अभाव में आखिर ऐसी इमारत बने कैसे होंगे?लाल किला एक ऐसा ही इमारत है जिस पर की गई नक्काशी कारी मुगल वास्तुशिल्प का अद्वितीय उदाहरण है | लाल किला 200 साल तक भारत पर राज करने वाले मुगलों का राजनीतिक केंद्र था | यह इकलौता इमारत मुगल सलतनत को दर्शाने के लिए पर्याप्त है |

लाल किले का इतिहास क्या है?

लाल किला का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था इसका निर्माण सन 1638  में करवाया गया था | पांचवी मुगल बादशाह शाहजहां के समय में देश अपने सुनहरे दौर में था | चारों ओर खुशहाली थी मुगल बादशाहो को इमारत बनवाने का बहुत शौक था |

शाहजहां ने जहां आगरा में सफेद पत्थर संगमरमर से  ताजमहल बनवाया तो वहीं दिल्ली में लाल पत्थरों से बने लाल किले का निर्माण करवाया|  इस किले के निर्माण में 10 साल लगे थे | यमुना तट पर स्थित यह इमारत बहुत ही भव्य और आकर्षक है |

लाल किला क्यों बनवाया गया था?

शाहजहां के राजनीतिक राजधानी उस समय आगरा हुआ करती थी | वह अपनी राजधानी दिल्ली में बसाना चाहता था | इसीलिए वह चाहता था कि एक अलग विशेष प्रकार की इमारत बनाई जाए फल स्वरुप लाल किला बनाया गया |

दिल्ली ही वह जगह थी जहां से पूरे देश पर अच्छे से नियंत्रण एवं शासन व्यवस्था देखा जा सकता था | वह बाहरी हमले और युद्ध की स्थिति को देखते हुए दिल्ली काफी सुरक्षित जगह थी  |  दिल्ली  तीनों ओर से यमुना से घिरा हुआ है जो कि युद्ध जैसी स्थिति के लिए अत्यंत सहायक भौगोलिक स्थिति है |

लाल किले का मुख्य आकर्षण

लाल  किला वास्तुशिल्प एवं भारतीय हस्तशिल्प का अनूठा उदाहरण है | 250 एकड़ में फैला यह इमारत बहुत ही भव्य  हैं | भारतीय इतिहास  को अपने में समेटे हुए इसकी दीवारें दो मुख्य द्वार पर खुलती है |  दिल्ली दरवाजा एवं लोहार दरवाजा

लाहौर गेट – लाल  किला का मुख्य प्रवेश द्वार है इसके अंदर एक बड़ा बाजार है | जिसे छपरा बाजार कहते हैं | लोहार गेट से आने वाले सड़क पर नक्कर खाना है यह संगीतज्ञ के लिए बनवाए गए महल का द्वार है | इसके सामने एक खुला मैदान है जो कि दीवाने आम महल का प्रांगण है|

लाल किले के अंदर क्या है

दीवान ए आम

इसमें एक सिंहासन है जिस पर बैठकर राजा आम लोगों की फरियाद को सुना करते थे | मुख्य महल का प्रारूप इस्लामिक है परंतु प्रत्येक मंडल वास्तु से हिंदू शिल्प कलाओं को प्रकट करता है |  मुख्य माहौल में मुख्य रूप से तीन और महल है जिसमें मुमताज महल, रंगमहल ,खास महल है |
मुमताज महल – जो कि मुख्यत: महिलाओं के लिए बनवाया गया था |  यहां रानियां एवं दाशियां रहती थी हालांकि अब यह एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है |

रंगमहल – यह अत्यंत ही सुंदर है इसमें स्वर्ण छज्जे हैं वहीं एक सुंदर सरोवर भी हैं  इसमें राज्य सी एवं राजा मुख्य कक्ष है |

दिल्ली गेट–  इसका उपयोग आम जनता के लिए किले में प्रवेश द्वार के रूप में किया जाता था |

दीवान ए खास

यह एक विशेष महल है जोकि अत्यंत ही सुंदर है  | इसकी दीवारों पर बहुमूल्य रत्न जड़े हुए हैं यह एक निजी सभासद है | जिसमें सचिव, मंत्रिमंडल सभासदों का बैठक हुआ करता था | राजा अपने सभी महत्वपूर्ण फैसले यहीं से लेते थे | इसके बीच में एक बड़ा झूमर लगा हुआ है | दीवान ए खास के बीच में एक नहर बहती है जिसको नहर-ए-बिहिश्तो कहा जाता है जिसमें फव्वारे उठते हैं जिसके दीवार पर लिखा गया है धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह यही है यही है |

मोती मस्जिद

यह एक छोटा सा तीन गुंबद वाला संगमरमर से निर्मित मस्जिद है | इसका मुख्य  मेहराब  अत्यंत आकषर्ण है  | इसका निर्माण लाल किले के निर्माण के समय नहीं हुआ था | इसका निर्माण 1659 इसमें बादशाह के पुत्र औरंगजेब ने अपने लिए करवाया था  | इसके बगल में हमाम है जो कि राजसी स्नानागार है |इसके  उत्तर में एक बाघ है जिसका अर्थ है जीवनदाई उद्यान यह बड़ा है तथा सुंदर है |लाल किले की प्राचीर का निर्माण भी औरंगजेब ने  ही करवाया था|
लाल किले से कवर देने  के लिए यह बनाया गया था | जिसे पूधर वाली दीवार भी कहते हैं |

लाल किला पर दूसरे शासकों का राज्य

शाहजहां के बाद उसका पुत्र औरंगजेब गद्दी पर बैठा औरंगजेब योग्य शासक नहीं था | वह भोग बिलासी तो प्रवित्ति का था देखते ही देखते मुगल शासन का अंत शुरू हो गया | तदुपरांत नादिरशाह ने किले पर हक जमा लिया | औरंगजेब जो कि एक कुशल शासक नहीं था वह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने में असमर्थ रहा | उसके पश्चात अगले 30 सालों तक लाल किला बिना शासक का रहा अर्थात लाल किले पर किसी भी राजा का अधिकार नहीं था | 17 वीं शताब्दी में औरंगजेब की दुर्बलता का फायदा उठाकर मुगल बादशाह जहंदर शाह ने लाल किले पर अपना कब्जा कर लिया | परंतु वह ज्यादा समय तक किले पर आज ना कर सका 1719 में फर्रुखसियर ने  जहंदर शाह के साथ युद्ध किया इस युद्ध में  जहंदर शाह , फर्रुखसियर  के हाथों मारा गया  | अब फर्रुखसियर का किले पर कब्जा हो गया था उसने किले को बहुत ही क्षति पहुंचाई तत्पश्चात नादिरशाह ने किले पर अपना कब्जा कर लिया और लाल किले पर शासन किया|
सन 1752 में मराठा साम्राज्य द्वारा दिल्ली को जीत लिया गया अतः  अब लाल किला मराठा साम्राज्य के अंदर था | पानीपत युद्ध कि तीसरे युद्ध में मराठा साम्राज्य का पतन हो जाता है जिससे कि लाल किले पर अहमद शाह कुर्बानी का राज हो जाता है |

फिर भारत में 1803 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन होता है ईस्ट इंडिया कंपनी जो कि भारत व्यापार करने के उद्देश्य से आई थी किंतु वह यहां पर यहां के राजा आपस में ही लड़ रहे हैं एवं भारत देश प्रकृतिक संपदा से भरपूर हैं अतः उन्होंने इस मौके का लाभ उठाकर भारत पर अपना अधिकार जमा लिया |
फिर अंग्रेजों ने किले पर राज्य किया जब अंग्रेज भारत से चले गए तो किला भारतीय सेना के अधिकारी में थी सन 2003 में आर्मी ने इसी भारतीय पुरातत्व को सौंप दिया |

लाल किले पर तिरंगा क्यों फहराया जाता है?

हमारे देश में बहुत सारी इमारतें हैं इन इमारतों में से केवल एक लाल किला ही है जिस पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है | आखिर क्यों लाल किले पर ध्वजारोहण होता है ? लाल किला केवल एक इमारत नहीं है बल्कि यह देश में होने वाली कई घटनाओं का गवाह है|  यह लाल किला देश की आजादी को बयां करता है|  जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तब अंग्रेजों ने इस किले को खूब नुकसान पहुंचाया एवं इसकी बहुमूल्य रत्न एवं पत्थरो को भी निकाल लिया इतना ही नहीं आजादी के समय हमारी क्रांतिकारियों द्वारा पकड़े जाने पर किले के जेल में कैद कर दिया जाता था  | जब देश आजाद हुआ तो प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर गेट पर तिरंगा लहराकर  को स्वतंत्र भारत का नेतृत्व किया | तभी से प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा यहां ध्वजारोहण किया जाता है |

लाल किला पर्यटन

सन 2007 में लाल किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया लाल किला हमारे देश का मुख्य पर्यटक स्थल है|  देश की आन बान शान को देखने के लिए लाखों लोग विश्व के कोने-कोने से यहां आते हैं |

लाल किला घूमने का समय

लाल किला सप्ताह के 6 दिन खुला रहता है | सोमवार को लाल किला बंद रहता है | लाल किला सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है |

लाल किला टिकट

लाल किला घूमने के लिए भारतीय लोगों के लिए टिकट का प्राइस ₹10 एवं विदेशी नागरिकों के लिए
₹250 है | 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोई टिकट प्राइस नहीं है |

लाल किला लाइट और साउंड शो

लाल किले के अंदर एक लाइट एंड साउंड शो होता है | जो अत्यंत आकर्षक होता है | इसका  मुख्य उद्देश्य लोगों को लाल किले की इतिहास एवं गौरव से परिचित करवाना है|  यह शो  हिंदी भाषा में रात 7:30 से 8:30 तक एवं अंग्रेजी भाषा में 9:00 बजे 9:00 से 10:00 तक होता है | इस शो का समय बदलता रहता है यह शो देखने के लिए आप टिकट की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं |  टिकट की प्राइस बच्चों के लिए ₹20 एवं वयस्क के लिए ₹80 है | परंतु सार्वजनिक अवकाश के दिन बच्चों के लिए टिकट का प्राइस ₹30 एवं वयस्क के लिए ₹80 ही रहता है |

लाल किला क्यों महत्वपूर्ण है?

राजनीतिक महत्व होने के नाते इस इमारत का देश एवं विश्व स्तर पर एक अलग पहचान है|  दिल्ली देश की राजधानी होने के नाते  इस किले का राजनीतिक पहचान होने के कारण इसकी सुरक्षा व्यवस्था भारत सरकार द्वारा किया जाता है |  बहुत से सैनिक सुरक्षाकर्मी दिन-रात लाल किले के निगरानी करते हैं |  किसी भी तरह के आतंकी हमले से लाल किले को बचाने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था है  | पूरे एरिया को नो फ्लाइ जोन भी घोषित किया गया है अर्थात इसके ऊपर से कोई भी विमान नहीं उड़ाया जा सकता है |

लाल किले पर आतंकी हमला?

सन 2000 में लश्कर-ए-तैयबा के कुछ आतंकियों ने लाल किले पर हमला कर दिया जिसमें चार पांच सुरक्षाकर्मी एवं कुछ निर्दोष नागरिक मारे गए थे | लाल किले से जुड़ा सलीम गढ़ किला है इसका इस्तेमाल शादी उत्सव के समय किया जाता था |

लाल किला के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

1.लाल किला का असली नाम किला ए मुबारक है |

2.लाल किला रेड फोर्ट लाल किला नाम अंग्रेजों ने दिया था लाल पत्थरों से बना होने के कारण अंग्रेजों ने इसे रेड फोर्ट कहां |

3.कोहिनूर हीरा जो कि इस इंग्लैंड की महारानी का ताज है | यह कोहिनूर हीरा लाल किला दीवान ए खास में स्थित शाहजहां के शाही सिंहासन का हिस्सा था | कोहिनूर दुनिया का सबसे कीमती हीरा है जो कि भारत देश का है इस हीरे को अंग्रेजों ने चुरा लिया था |

FAQs

Q1. लाल किला कहां है?
A. दिल्ली में है |

Q2. लाल किले को किसने और कब बनवाया?
A. मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था इसका निर्माण सन 1638 |

Q3. लाल किला का पुराना नाम क्या है ?
A.  किला ए मुबारक |

Q4. लाल किला का डिज़ाइनर कौन थे?
A. उस्ताद अहमद लाहौरी ने बनाया था |

Q5. लाल किला कितनी एकड़ में बना हुआ है?
A. 250 एकड़ में बना हुआ है?

Q6. लाल किला किस पत्थर से बना हुआ है ?
A. लाल पत्थर से बना हुआ है |

Q7.लाल किला कब बंद रहता है?
A. लाल किला सोमवार को बंद रहता है |

Q8. लाल किले में कितने दरवाजे हैं ?
A. 6 दरवाजे हैं |

Q9. लाल किले पर पहला तिरंगा कब  और किसने लहराया गया?
A. 16 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा पहली बार तिरंगा झंडा लाल किले पर फहराया गया था |

Q10. लाल किला बनने में कितना साल का समय लगा?
A. 10 साल का समय लगा | 

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