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रूपरेखा
आज का लेख “ मृदा प्रदूषण पर निबंध ( Essay on Soil pollution in Hindi) है |” इस निबंध को विस्तृत रूप से लिखा गया है यह निबंध विशेषत: UPSC, SSC, TET, CTET, BED आदि परीक्षाओं को को ध्यान में रखकर लिखा गया है | General knowledge (सामान्य ज्ञान )की अधिक से अधिक जानकारी के लिए एवं अच्छे प्रश्नों के लिए वेबसाइट hindigk guru पर विजिट करें |
मृदा प्रदूषण प्रस्तावना
मानव जीवन का एक प्रमुख आधार पृथ्वी है |यदि पृथ्वी नहीं होता तो मानव जीवन का परिकल्पना करना भी मुश्किल था |संसार के समस्त जीवधारी पृथ्वी पर ही निवास करते हैं| जीवित रहने के लिए जितने आवश्यकता हवा और पानी की है उतना ही भोजन की भी है | हमारे भोजन का मुख्य आधार धरती है क्योंकि पृथ्वी पर ही पेड़ पौधे एवं वनस्पतियों का निर्माण और विकास होता है और यही हमारे भोजन के स्रोत हैं| सीधे शब्दों में कहें तो पृथ्वी ही समस्त मानव जीव धारियों का घर है|
मृदा प्रदूषण क्या है?
मानव जाति अपने लाभ और उन्नति के लिए धरती को बचाने की बजाय उसको प्रदूषित किए जा रही है |जो मानव गतिविधियों एवं प्रदूषक हमारे मिट्टी को दूषित करें ,उसे मृदा प्रदूषण करते हैं| प्रदूषण का वह रूप जो हमारी मिट्टी को दूषित करने के लिए जिम्मेदार है मृदा प्रदूषण के अंतर्गत आता है |
मृदा प्रदूषण के कारण
मानवी क्रियाकलाप-
बढ़ती जनसंख्या मृदा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है | तेजी से शहरीकरण हो रहा है वनों को काटकर घर तथा सड़क बनाए जा रहे हैं| लोग अपने घरों से निकलने वाले ठोस कचरे व फलों -सब्जियों के छिलके, प्लास्टिक ,बोतल, शीशे के टुकड़े भूमि पर फेंक देते हैं | हमारी पृथ्वी इससे अधिक प्रदूषित हो रही है | इतना ही नहीं मवेशी तथा पशु फॉर्म से निकलने वाले जैविक कचरे को लोग भूमि पर इकट्ठा कर देते हैं जो कि एक टिले के रूप में धरती पर जमा हो जाती है | बहुत सारे तरल जैव अपशिष्ट जो मृदा प्रदूषण एवं जल प्रदूषण दोनों के लिए जिम्मेदार हैं |जैव अपशिष्ट से तरह-तरह की बैक्टीरिया ,वायरस ,शैवाल पनपते हैं जो मृदा की क्षमता को प्रभावित करते हैं |
कृषि द्वारा मृदा प्रदूषण –
कृषि द्वारा मृदा प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण कृषि में प्रयोग होने वाले खतरनाक कीटनाशक दवाओं और उर्वरकों से होता है |हमारी धरती का केवल 50% हिस्सा ही कृषि के लिए उपयुक्त है क्योंकि दूसरी आधे हिस्से में महासागर, नदियां, पर्वत , खाड़ीया ,मरुस्थल आदि है जिसका उपयोग नहीं कर सकते हैं | विश्व की अधिकांश जनसंख्या भोजन के लिए कृषि पर ही निर्भर करती है| लोगों की जरूरत को पूरा करने तथा कृषि से अधिक से अधिक लाभ के लिए कृषक खेतों में उर्वरकों कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं |
उर्वरक का उपयोग मिट्टी की क्षमता को दिन प्रतिदिन घटा रही है| मनुष्य इन खेतों की फलों सब्जियों को खाता है जिससे की वह बीमारियों का शिकार होता है | क्योंकि इन कीटनाशकों एवं उर्वरकों की कुछ मात्राएं फलों सब्जियों एवं अनाजों में आ जाती है | और इसको खाकर मनुष्य कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहा है |
कीटनाशक से मृदा प्रदूषण-
डीडीटी कृषि क्षेत्र में प्रयोग होने वाला एक साधारण कीटनाशक है | कई देशों में इसका उपयोग मच्छर मारने की दवा के रूप में होता है | मच्छर के काटने से मलेरिया रोग उत्पन्न होता है | हर साल 2 लाख लोग मलेरिया से अपना जान गवाते हैं | खासकर विकासशील देशों में मच्छर से मरने वाले लोगों की संख्या अधिक है| डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में हर साल मलेरिया से लगभग 2 से 3 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है| एक रिसर्च के अनुसार डीडीटी से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकता है एवं यह पक्षियों के अंडे तक को नष्ट कर सकता है | डीडीटी के इन खतरनाक परिणाम के कारण ही अमेरिका सहित दुनिया के कई देश इसे अपने यहाँ प्रतिबंधित कर दिया है भारत में इसका उपयोग आज भी किया जा रहा है |
प्लास्टिक से मृदा प्रदूषण-
प्लास्टिक मृदा प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार है | प्लास्टिक का उपयोग हर कोई कर रहा है कंपनी में बनने वाले अधिकांश सामानों का पैकिंग प्लास्टिक में ही की जाती है | उपयोग में लेने के बाद हम प्लास्टिक को ऐसे ही कचरे के साथ फेक देते हैं | अधिकांश पशुओं की मौत प्लास्टिक को खाने से होती है यह प्लास्टिक मृदा में घटित नहीं होते हैं आवश्यक है कि उनका उपयोग कम से कम किया जाए |
औद्योगिक कारखानों से मृदा प्रदूषण-
किसी भी देश के विकास तथा मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए वहां की कंपनियों का विशेष योगदान होता है| यह कंपनियां जहां एक ओर मानव उपयोगी सामान बनाते हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदूषण का भी एक बड़ा कारण है | यह कंपनी कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट ठोस कचरे को फेक देते हैं जो कि मृदा प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण का भी कारण बनता है |
खनन द्वारा मृदा प्रदूषण-
कहते हैं कि कोई भी देश अपने प्राकृतिक तत्व जैसे – सोना, प्लैटिनम, लोहा, पेट्रोलियम आदि से ही धनवान एवं समृद्ध बनता है | यह सभी पदार्थ भूमि के नीचे दबी होते हैं | जिससे खनन प्रक्रिया द्वारा बाहर निकाला जाता है |खनन के दौरान जो मलबा निकलता है उसे पास मे इकट्ठा कर देते हैं कालांतर में वर्षा द्वारा यह भूमि पर चारों ओर फैल जाता है जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है |
लैंडफिल द्वारा मृदा प्रदूषण –
यह एक डंप जैसा स्थान होता है जहां पर कचरा इकट्ठा कर उसकी रीसाइक्लिंग होती है | सन 2000 में फिलीपींस के क्यूजोन सिटी में एक विशाल लैंडफिल था जहां सैकड़ों लोग रहते थे | यह कचरा की रीसाइक्लिंग कर उसी से अपना जीवन यापन करते थे |यह लैंडफिल भर चुका था यदि भयंकर बारिश हो जिससे भूस्खलन हो जाता है इस भूस्खलन में वहां रह रहे लोगों की मृत्यु हो गई जिसमें 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है | जिस जगह पर यह लैंडफिल होता है वहां आसपास के वातावरण को भी सूचित कर देता है |
मृदा प्रदूषण से बचाव के उपाय
1.कचरे तथा कारखाने से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का रीसाइक्लिंग किया जाए |
2.पेड़- पौधे तथा वनों की कटाई पर रोक लगा कर |
3. रासायनिक खादों की जगह जैविक उर्वरकों का प्रयोग किया जाए |
4.प्लास्टिक पर रोक लगाकर |
5.भूजल का स्तर बढ़ाकर |
6. पहाडी़ क्षेत्रों में घुमावदार (सीढ़िनुमा ) खेतों को बनाकर मृदा अपरदन को रोका जा सकता है |
7.नवीन किटनाशक का विकास किया जाए जो मानव के लिए कम हानिकारक हो |
मृदा प्रदूषण के दुष्प्रभाव
मृदा प्रदूषण मनुष्य के साथ हमारे वातावरण एवं समस्त जिवधारियों को प्रभावित कर रहा है | मृदा प्रदूषण से कृषि कार्य प्रभावित हो रहे| जो मनुष्य के भोजन का मुख्य आधार है | हानिकारक कीटनाशक जो अनेक प्रकार के बीमारी को उत्पन्न कर रहे हैं जिससे मनुष्य की आयु कम हो रही है |
मृदा प्रदूषण का प्रभाव जीवधारियों पर भी पड़ रहा है जिससे की उनको पर्याप्त भोजन नहीं मिलता | अपशिष्ट पदार्थों तथा प्लास्टिक को खाकर उनकी मृत्यु तक हो जाती है | मृदा प्रदूषण का प्रभाव वातावरण तथा पेड़-पौधो पर भी हो रहा है | मृदा प्रदूषण का सीधा असर किसानों द्वारा खेतों में गाए जाने वाले फसलों पर पड़ता है| निश्चित रूप से सभी मानव जाति अपने जीवन के लिए इन फसलों पर ही निर्भर करती है |सही मात्रा में फसल में उत्पन्न होने के कारण खाद्य पदार्थों की कमी जैसी समस्या भविष्य उत्पन्न हो सकती है अति आवश्यक है कि विश्व व्यापक स्तर पर मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए कार्य किया जाए एवं सभी लोगों को अपने स्तर पर प्रदूषण को रोकने का प्रयास करना चाहिए अधिक से अधिक वृक्ष को लगाना चाहिए |
FAQs
Q1. भूमि प्रदूषण किसे कहते हैं?
A. प्रदूषण का वह रूप जो हमारी मिट्टी को दूषित करने के लिए जिम्मेदार है मृदा प्रदूषण के अंतर्गत आता है |
Q2. मृदा शब्द की उत्पत्ति किस भाषा के शब्द से हुआ है?
A. लेटिन भाषा |
Q3. भूमि का Ph मान कितना होता है?
A. 7.2 Ph |
Q4. भारत में कृषि योग्य भूमि कितनी है?
A. 51% है |
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