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आज का लेख “तिरंगा झंडा पर जानकारी, महत्व |National flag history | Flag code |” इस निबंध को विस्तृत रूप से लिखा गया है यह निबंध विशेषत: UPSC, SSC, TET, CTET, BED आदि परीक्षाओं को को ध्यान में रखकर लिखा गया है | General knowledge (सामान्य ज्ञान )की अधिक से अधिक जानकारी के लिए एवं अच्छे प्रश्नों के लिए वेबसाइट hindigk guru पर विजिट करें |
तिरंगा झंडा प्रस्तावना
दुनिया के सभी देश के पास अपना झंडा होता है जो कि उस देश स्वतंत्रता का पहचान होता है | तिरंगा झंडा भारत के स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य की पहचान है | तिरंगा हमारे देश की शान है विश्व स्तर पर तिरंगा हमारे देश भारत को रिप्रेजेंट करता है | आज के लेख में हम तिरंगे के रोचक इतिहास एवं तथ्यात्मक जानकारी तिरंगे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे |
तिरंगा झंडा की संरचना
हमारा तिरंगा झंडा तीन रंगों केसरिया सफेद और हरा से मिलकर बना है | जिसमें सबसे ऊपर केसरिया बीच में सफेद नीचे हरे रंग की पट्टी होती है | सफेद पट्टी के बीच में अशोक चक्र होता है |अशोक चक्र में चौबीस तीलियां होती हैं | ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 2:3 का होता है |
तिरंगा झंडा खादी का बना होना चाहिए यह एक विशेष प्रकार का हाथों से काटे गए कपड़ों से बनता है महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था |
तिरंगा झंडा रंग का महत्व
केसरिया रंग – झंडे का केसरिया रंग साहस एवं बलिदान का प्रतीक है भारत की अनुपम वीरता एवं कर्तव्य निष्ठा को प्रकट करता है
सफेद रंग – झंडे का सफेद रंग शांति का प्रतीक है हमारा देश भारत एक शांतिप्रिय देश है|
हरा रंग- झंडे का हरा रंग हरियाली उर्वरता पवित्रता का प्रतीक प्रतीक है भारत एक कृषि प्रधान देश है|
नीला रंग – सफेद पट्टी के मध्य में स्थित अशोक चक्र नीले रंग का है |
अशोक चक्र की घूमती हुई तितलियां भारत की निरंतर प्रगति को प्रकट करती हैं| अशोक चक्र का रूप अशोक स्तंभ से लिया गया है|
भारत का राष्ट्रीय ध्वज भारत की एकता अखंडता शांति समृद्धि और विकास को प्रदर्शित करता है |
तिरंगा झंडा का इतिहास
तिरंगे झंडे का इतिहास बड़ा ही रोचक है अनेक संशोधन एवं प्रयासों के बाद तो वर्तमान तिरंगा झंडा बनकर तैयार हुआ शुरुआत में तिरंगा झंडा का स्वरूप अलग था सर्वप्रथम
पहला झंडा | पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज कब फहराया गया था और कहाँ?
भारत का सबसे पहला तिरंगा हरे,लाल और पीले रंग का था जिसमें हरे रंग की पट्टी में 8 कमल के फूल , लाल रंग की पट्टी में सूरज और चंद्रमा का चित्र , पीले रंग की पट्टी में वंदे मातरम लिखा हुआ था | इस झंडे को कोलकाता में कोलकाता में पारसी बागान चौक पर 7 अगस्त 1906 फहराया गया था |
दूसरा झंडा
दूसरा झंडा 1906 के झंडे के समान ही था , इसमें केवल लाल पट्टी का की जगह केसरिया पट्टी थी | एवं सात कमल के फूलों की जगह सप्त ऋषि थे | नीचे की पट्टी हरे रंग की थी | जिसमें चांद और सूरज अंकित किए गए थे |इस झंडे को 1970 में सर्वप्रथम पेरिस में मैडम भीकाजी कामा द्वारा फहराया गया था
तीसरा झंडा
भारत का तीसरा झंडा 1917 में बना था यह बहुत ही अलग था | इस झंडे में पांच लाल और चार हरी पट्टी का थी | इसके अंदर सप्त ऋषि के सात सितारे थे | झंडे के कोने में एक ओर सफेद अर्धचंद्र और सितारे बने हुए थे किनारे पर ऊपर की ओर यूनियन जैक था |
चौथा झंडा
भारत का चौथा झंडा 1921 में उपयोग किया गया था तब झंडा में केवल दो रंग हरा और लाल था हिंदुओं के लिए लाल रंग एवं हरा मुसलमानों के लिए वह बीच में चरखा था | बाद में अनेक धार्मिक कार्यों के लिए इसमें सफेद रंग जोड़ दिया गया | स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसमें और संशोधित किया गया जिसमें चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले लिया|
तिरंगा झंडा कब और किसने बनाया?
भारत का वर्तमान तिरंगा झंडा लगभग चौथे झंडे के समान ही था इस तिरंगे झंडे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था | इस झंडे महात्मा गांधी के निर्देश पर पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था | इस झंडे के विकास के लिए नेशनल फ्लैग मिशन का गठन किया गया था |
कौन है पिंगली वेंकैय्या ?
पिंगली वेंकैया भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे | इनका जन्म आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में 1876 ईसवी में हुआ था | ये जापानी भाषा के जानकार थे | पिंगली वेंकैया ब्रिटिश आर्मी के रूप में दक्षिण अफ्रीका में कार्य किए थे | पिंगली वेंकैय्या महात्मा गांधी से बहुत अधिक प्रभावित थे |
वह एक बार महात्मा गांधी से मिले और उन्हें सुझाव दिया कि हमारे देश का अपना तिरंगा झंडा होना चाहिए | महात्मा गांधी को उनका सुझाव बहुत ही पसंद आया तब महात्मा गांधी ने उन को निर्देश दिया कि वह भारत के लिए तिरंगा झंडा बनाएं | महात्मा गांधी की बातों को मानते हुए पिंगली वेंकैया ने लगभग 5 वर्षों तक भारत की झंडा बनाने के लिए प्रयास किए |
इस दौरान उन्होंने कई देश की राष्ट्रीय झंडा का अध्ययन किया | अंततः उन्होंने भारत के वर्तमान तिरंगे झंडे को बनाने में सफलता प्राप्त कर ली पिंगली वेंकैय्या का निधन जुलाई 1963 में हो गया |
तिरंगा भारत का राष्ट्रीय ध्वज कब बना
तिरंगा को भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनने में लगभग 45 वर्ष का समय लग गया | जब हमारा देश आजाद हो गया , भारतीय संविधान सभा की बैठक 22 अगस्त 1947 को परिवर्तन के साथ तिरंगे के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया था |
जिसमें चरखे की जगह अशोक चक्र को सम्मिलित किया गया | तिरंगा झंडा को 15 अगस्त , 26 जनवरी पर विशेष सलाम के साथ सम्मान दिया जाता है |
ध्वज संहिता | फ्लैग कोड
1.तिरंगे झंडे का उपयोग शैक्षणिक संस्थानों विद्यालयों महाविद्यालयों खेल परिसरों स्काउट सिस्ट में ध्वज को सम्मान देने के लिए फहराया जाता है |
2.किसी सार्वजनिक निजी संगठन या शैक्षणिक संस्था में राष्ट्रीय ध्वज आरोहण कुछ विशेष दिन किया जाता है| नई संहिता की धारा दो में सभी निजी नागरिकों को अपने परिसर में ध्वज फहराने का अधिकार है |
3.इस ध्वज को संप्रदायिक लाभ पर्दे वस्तुओं के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है |
4.मौसम से बिना प्रभावित हुए ध्वज को सूर्योदय के पूर्व फहराना चाहिए एवं सूर्यास्त से पहले उतार लेना चाहिए |
5.ध्वज कभी भी भूमि पर स्पर्श नहीं करना चाहिए |
6.झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है |
7.ध्वज को कभी भी वाहनों के ऊपर ,बगल में पीछे रेलो या वायुयान में लपेटा नहीं जा सकता है|
8.किसी अन्य ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा या बराबर नहीं फहराया जा सकता है |
9.बंगलुरु से 420 किलोमीटर दूर स्थित देश का एकमात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जो झंडा बनाने और सप्लाई करने का काम करता है |
10.वर्तमान मोदी सरकार ने घर संहिता में दो बड़े बदलाव किए हैं पहला झंडा खादी या किसी भी दूसरे कपड़े से बनाया जा सकता है दूसरा अब झंडा को दिन और रात अर्थात 24 घंटा फहराया जा सकता है |
सन 2002 से पहले भारत में आम जनता को ध्वज रखने का अधिकार नहीं था केवल कुछ गिने चुने लोग को था | केवल राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़कर अन्य सार्वजनिक रूप से ध्वज को नहीं फहरा सकते थे | बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल में संशोधन के बाद इसे आम जनता को सभी दिन पर फहराने की मंजूरी मिल गई | ध्वज की गरिमा एवं सम्मान की रक्षा अनुच्छेद 41A अनुसार होना चाहिए |
11.सम्मान भारतीय कानून के अनुसार ध्वज को हमेशा गरिमा निष्ठा और सम्मान के भाव के साथ देखना चाहिए |
12.झंडा कभी भी पानी या जमीन पर गिरा नहीं होना चाहिए |
13.इसे किसी मूर्ति के साथ जोड़ा नहीं जा सकता है और ना ही किसी आधारशिला पर रखा जा सकता है |
इसका उपयोग कभी भी वर्दी के रूप में किया जा सकता है परंतु कमर के नीचे वाले कपड़ों के रूप में नहीं इसका उपयोग तकिए के रूप में नहीं किया जा सकता |
14.झंडा को हमेशा सूर्योदय से पहले पर आना चाहिए हम सुरेश से पूर्व उतार लेना चाहिए कुछ विशेष परिस्थितियों में ध्वज को रात के समय भी सरकारी इमारतों के ऊपर ठहराया जा सकता है झंडा को हमेशा स्वच्छ रखें |
क्या वाहनों पर तिरंगा लगाया जा सकता है?
वाहनों पर तिरंगा लगाकर हर कोई नहीं घूम सकता है यह अधिकार केवल कुछ लोगों को ही दिया गया है |वाहन पर तिरंगा इसका विशेषाधिकार होता है |
केवल प्रधानमंत्री, राज्यपाल ,तीनों सेनाओं के अधिकारी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति , लोकसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष राज्यसभा के सभापति, मुख्यमंत्री केंद्र मंत्री राज्य मंत्री , हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एवं जज, विदेश में भारतीय दूतावास अपने वाहन पर तिरंगा लगा सकते हैं | राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के विदेशी दौरे पर किया जा सकता है|इसका उपयोग निश्चित स्थान पर झंडे को सम्मान देने के लिए हो सकता है |
राष्ट्रीय ध्वज को कब आधा झुका दिया जाता है?
झंडे को झुकाना शोक के समय राष्ट्रपति के निर्देश पर झंडे को आधा झुका दिया जाता है | समस्त भारत में राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के निधन पर झंडा को आधा झुका रहेगा लोकसभा अध्यक्ष या भारत का सर्वोच्च न्यायाधीश के निधन पर दिल्ली में झंडे को आधा झुका दिया जाता है | वह सैनिकों के मरने पर उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है| परंतु झंडे को जलाया नहीं जाता है |
यदि इन शख्सियत का निधन 15 अगस्त 26 जनवरी 26 जनवरी या 2 अक्टूबर के दिन हो जाता है तो पूरे देश में तिरंगा को आधा नहीं झुकाया जायेगा | वह व्यक्ति जहां कार्यरत था वहां के झंडे को आधा झुका दिया जायेगा |
जब झंडा क्षतिग्रस्त या गंदा हो जाए तो उसे अलग यानी निरादर रूप से नहीं रखना चाहिए झंडे के गरिमा के अनुरूप उसे विसर्जित या नष्ट कर देना चाहिए |
तिरंगा झंडा का अपमान
1971 में बना राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के अनुसार सार्वजनिक जगहों पर तिरंगे को जलाना ,कुचलना, फाड़ना, या किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना अपराध माना जाएगा और उचित सजा दी जाएगी |
तिरंगा झंडा का अपमान करने पर 3 साल की सजा, जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है |
घर-घर तिरंगा
जब हम स्वतंत्र दिवस एवं गणतंत्र दिवस के उत्सव पर सरकारी जगहों पर तिरंगा लहराते हुए देखते हैं | तो हम सभी के मन में यह ख्याल आता है कि काश हम भी तिरंगा झंडा फहरा पाते | आपका यह सपना पूरा होने वाला है|
हर घर में तिरंगा अभियान क्या है
भारत के 73 में स्वतंत्रता दिवस से पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा एक विशेष अभियान लाया गया जिसका नाम है हर घर तिरंगा अभियान | इसके जरिए सरकार की योजना है भारत के हर घर में तिरंगा झंडा फहराया जाए | प्रधानमंत्री द्वारा अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात पर आजादी के इस अमृत महोत्सव पर हर घर तिरंगा अभियान का जिक्र किया गया | प्रधानमंत्री ने सभी से अपील किया है कि वह इस कार्यक्रम में भाग ले |
सरकार ने 20 करोड़ घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है 13 से 15 अगस्त के बीच |सभी निजी एवं सरकारी जगहों पर तिरंगा फहराया जाय |
हर घर तिरंगा अभियान में शामिल कैसे हो
हर घर तिरंगा अभियान में आप भी शामिल हो सकते हैं| हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होने के लिए सरकार ने वेबसाइट harghartiranga.com बनाया है | आप इस वेबसाइट पर विजिट करें फोन नंबर नाम और कुछ बेसिक डिटेल फिर करने के बाद आप अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं| इस अभियान के तहत आपको अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराना होगा |
सरकार की तैयारी
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार भरपूर प्रयास कर रही है |अभियान के लिए 20 करोड़ झंडे की आवश्यकता होगी | इसकी आपूर्ति इतना शीघ्र करना कठिन है क्योंकि झंडा केवल खादी के कपड़े का बनाया जा सकता है|
ऐसे में खादी का इतना कपड़ा बना पाना मुश्किल है एवं कपड़े की कास्ट भी बढ़ जाएगी | ऐसे में सरकार ने फ्लैग कोड में बदलाव किए हैं अब झंडा किसी भी कपड़े से बनाया जा सकता है |
अब तिरंगा झंडा सरकारी डाक ऑफिस या ऑनलाइन खरीद सकते हैं |
हर घर तिरंगा कार्यक्रम का उद्देश्य
आजादी के अमृत महोत्सव पर इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को झंडा के प्रति जागरूक करना है | झंडा हमारे देश का आन बान शान है | देश के प्रति प्रेम कर्तव्य निष्ठा सेवा भाव कृतज्ञता एवं तिरंगा के प्रति जागरूकता के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है | आप सभी लोगों से निवेदन है कि इस कार्यक्रम से अवश्य जुड़े |
झंडा हमारे देश का शान है यह भारत का गौरव है | देश के प्रति अपने कर्तव्य एवं निष्ठा को प्रदर्शित करने के लिए इस कार्यक्रम से अवश्य जुड़े एवं दूसरों को भी प्रेरित करें |
FAQs
Q1. राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया?
A. 22 अगस्त 1947 को |
Q2. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किसने किया ?
A. पिंगली वेंकैय्या |
Q3. राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र किसका प्रतीक है?
A. धर्म चक्र का प्रतीक है |
Q4. राष्ट्रीय ध्वज कब फहराया जाता है?
A. राष्ट्रीय ध्वज 15 अगस्त 26 जनवरी 2 अक्टूबर को फहराया जाता है |
Q5. तिरंगा का डिजाइनर कौन था?
A. पिंगली वेंकैय्या |
Q6. क्या जूता पहन कर तिरंगा फहराया जा सकता है?
A. हाँ |
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